अंबाला: बीते दिनों से जिले में एयर बेस के पास पक्षियों की आवाजाही बढ़ गई है. इसकी मुख्य वजह है अंबाला एयरबेस के 10 किलोमीटर के रेडियस में तेजी से बढ़ता कूड़ा करकट. एयर स्पेस में बढ़ी पक्षियों की आवाजाही विमानों को नुकसान पहुंचा सकती है.
इसको देखते हुए एयर माशर्ल मानवेंद्र सिंह ने हरियाणा की चीफ सेक्रेटरी केशनी आनंद अरोड़ा को पत्र लिखा है. एयर मार्शल ने कहा कि 29 जुलाई 2020 को अंबाला एयर बेस के बेडे़ में आधुनिक राफेल विमान शामिल हुए हैं. जिसकी सुरक्षा को लेकर एहतियात बरतने की जरूरत है.
एयर मार्शल का मुख्य सचिव को पत्र
एयर मार्शल ने लिखा है कि अंबाला एयरबेस के एयरस्पेस में भारी संख्या में पंछियों की आवाजाही बढ़ गई है. खासतौर पर मांसाहारी चील की. इसकी वजह आसपास के 10 किलोमीटर के रेडियस में भारी संख्या में कूड़ा करकट होना है. अंबाला एयरबेस के एयरस्पेस में पंछियों की भारी मात्रा में आवाजाही होने के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. जिसके लिए तुरंत प्रभाव से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए. और अंबाला एयरबेस से 10 किमी. दूर एक डंपिंग जोन बनाया जाना चाहिए.
एहतियात के तौर पर कबूतरबाजों को नोटिस
मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने इस पत्र को तुरंत प्रभाव से अंबाला जिला उपायुक्त और अंबाला नगर निगम कमिश्नर को भेजा. ताकि तुरंत प्रभाव से पत्र में दिए गए सुझावों को अमल में लाया जा सके. अंबाला नगर निगम के एएसआई सुशील कुमार ने बताया कि इस पत्र की प्राप्ति के बाद हमने कबूतर पालने वाले लोगों को नोटिस जारी किए हैं. नोटिस में कहा गया है कि वो एयरबेस के आसपास कबूतरों को ना उड़ाएं. अगर इन आदेशों की अनदेखी की गई तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि अंबाला शहर के वार्ड नंबर 4,3,2,5 और 6 में कबूतर पालकों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं.
ये भी पढ़ें-पिंडदान के लिए पिहोवा नहीं आ रहे श्रद्धालु, तीर्थ पुरोहितों पर रोजी-रोटी का संकट
हैरानी की बात ये है कि कचरे के निष्पादन को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई सुझाव या दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए. हां कबूतर मालिकों को नोटिस जरूर दे दिया गया है. अभी तक जिला उपायुक्त द्वारा अंबाला छावनी में स्तिथ एयरफोर्स के बेड़े के सबसे नजदीक लगने वाले रिहायशी इलाके के कैंटोनमेंट बोर्ड को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है. इस पूरे मामले में एक बात निकल कर सामने आई है कि अभी तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट बनाने की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है.