इस कहानी की नयिका हैं... अकरम
हमारा समाज अक्सर किन्नरों को हीनभावना से देखता है. समाज उन्हें वह सम्मान नहीं देता, जिसके वे हकदार हैं. लेकिन कर्नाटक में एक किन्नर है, जिसने दुनिया को दिखाया है कि उसके पास भी दिल है, जो जरूरतमंदों के लिए धड़कता है. इस कहानी की नायिका मैसुरु की अकरम हैं. अकरम, कई सालों पहले अपने परिवार से अलग हो गईं थी. भिक्षा मांग कर अपना पेट पालने वाली अकरम ने न सिर्फ अपनी दो भंजियों, फातिमा और हाज़िरा को गोद लिया बल्कि उन्हें पेशेवर मुक्केबाज भी बनाया है. फातिमा ने हाल ही में मैसुरु और लखनऊ में मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे जबकि हाज़िरा ने दोनों स्पर्धाओं में रजत पदक जीते.