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विश्व शाकाहार दिवस: क्या शाकाहारी लोग अधिक जीते हैं ?

दुनिया भर में किये गए कई शोध और अध्धयन इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि शाकाहारी भोजन मांसाहार की तुलना में ज्यादा सेहतमंद और स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है. यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में पूरी दुनिया में पूर्ण शाकाहारियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है. दुनिया भर में लोगों को शाकाहार के फ़ायदों के बारें में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहार दिवस मनाया जाता है.

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विश्व शाकाहार दिवस

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Published : Oct 1, 2021, 12:06 AM IST

अमेरिका में लोमा लिंडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने अपने शोध में यह साबित किया कि, शाकाहारी लोग मांसाहारी की तुलना में औसतन 10 वर्ष से ज्यादा जिंदा रहते हैं. पहले यह माना जाता था कि शाकाहारी भोजन के मुकाबले मांसाहारी भोजन में अधिक मात्रा में पोषण पाया जाता है, लेकिन वर्तमान समय में दुनिया के सभी चिकित्सक, जानकार तथा पोषण विशेषज्ञ इस बात की पुष्टि करते हैं कि शाकाहारी भोजन हर लिहाज से स्वास्थ्य के लिए ज्यादा बेहतर होता है.

दुनिया भर में लोगों को इसी तथ्य से रूबरू करने के लिए हर साल 1 अक्टूबर को ‘विश्व शाकाहार दिवस’ के रूप में तथा अक्टूबर के पूरे महीने को “शाकाहार माह” के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य सिर्फ शाकाहारी भोजन के प्रति लोगों को आकर्षित और प्रेरित करना नहीं है बल्कि उसके लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करना और जानवरों के जीवन को बचाना भी है.

विश्व शाकाहारी दिवस मनाए जाने की शुरुआत सर्वप्रथम 1 अक्टूबर, 1977 को यू.के वीगन सोसाइटी द्वारा की गई थी . गौरतलब है की वीगन सोसायटी (Vegan Society) की स्थापना वर्ष 1944 में हुई थी, जिसकी 50 वीं वर्षगांठ पर सोसायटी के अध्यक्ष ने लोगों में शाकाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहार दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी . यह दिवस प्रतिवर्ष नॉर्थ अमेरिकन वेजिटेरियन सोसाइटी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी संघ के साथ साझेदारी में मनाया जाता है.

शाकाहारी भोजन

शाकाहारी भोजन के फायदे

जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (George Washington University School of Medicine and Health Sciences) के एक शोध के अनुसार, शाकाहारी आहार बहुत पौष्टिक होता है और पचने में भी आसान होता है. इसमें वसायुक्त अम्ल (fatty acid) की मात्रा बहुत कम होती है जो रक्त शर्करा (blood sugar) को नियंत्रण में रखती है जिससे मधुमेह का खतरा कम हो जाता है.

इंदौर की पोषण विशेषज्ञ डॉ संगीता मालू भी इस तथ्य की पुष्टि करते हुए बताती है की शाकाहार हर लिहाज से मांसाहार से बेहतर हैं. वह बताती हैं मांसाहार की अपेक्षा शाकाहार से मिलने वाले पोषक तत्वों को हमारा शरीर बेहतर ढंग से पचा पाता है.यह पचने में सरल होता है इसलिए यह हमारे पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है. यदि हम प्रतिदिन जरूरी मात्रा में फल सब्जियां और डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही और पनीर आदि का सेवन करते हैं तो पोषण के लिए हमें किसी भी तरह के सप्लीमेंट की जरूरत नही पड़ती है. साथ ही यह आहार हमारे शरीर को हाइड्रेट रखने में भी मदद करता है.

शाकाहारी भोजन के कुछ अन्य फायदे इस प्रकार हैं.

  • शाकाहारी भोजन में पाचन के लिए जरूरी फाइबर पर्याप्त मात्रा में मिलता है. जोकि शरीर के चयापचय में सुधार के अलावा, यह विषाक्त पदार्थों के त्वरित उन्मूलन में मदद करता है.
  • शाकाहारी भोजन में प्राकृतिक तौर पर पानी मौजूद रहता है, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है.
  • शाकाहारी आहार में सोडियम और वसायुक्त अम्ल की मात्रा कम होती है. इसके अतिरिक्त इसे पकाने में तेल भी कम लगता है, जिससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है.
  • शाकाहारी भोजन में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट सहित लगभग सभी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसलिए यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को सरलता से निकालने में सक्षम होता है.
  • फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ पेर्नंबुको के शोध के अनुसार, शाकाहारी आहार का उपभोग करने वाले लोगों में सोरायसिस जैसे त्वचा रोग में सकारात्मक सुधार नजर आ सकते हैं.
  • क्रोएशिया के मेडिकल रिसर्च एंड व्यावसायिक स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार, शाकाहारियों में न्यूरोटिज्म के स्तर निम्न होते हैं, जिससे लगातार व्यवहार में परिवर्तन यानी मूड स्विंग्स नियंत्रित रहते हैं.
  • इस विषय पर किए गए कई शोध के नतीजे इस बात की पुष्टि करते हैं कि शाकाहारी आहार में कोलेस्ट्रॉल का स्तर मांसाहारी आहार की तुलना में बहुत कम होता है, जिसके कारण शाकाहारियों में कोलेस्ट्रॉल की समस्या कम देखने में आती है.
  • मांसाहार संतृप्त वसायुक्त अम्ल यानी फैटी एसिड के स्रोत माने जाते हैं, जिनकी अधिकता के अक्सर धमनियों में अवरोध पैदा होता है और ह्रदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. वहीं शाकाहारी भोजन में अस्वास्थ्यकर वसा की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है , जिससे हृदय सम्बन्धी बीमारियों का जोखिम कम होता है.

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