आमतौर पर सड़क पर, बाजार में, किसी सार्वजनिक स्थल पर या फिर किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यदि कोई ऐसे पुरुष या महिला नजर आते हैं जिनकी त्वचा या शरीर के किसी हिस्से पर सफेद दाग नजर आ रहे हों, तो उनके आसपास के ज्यादातर लोग उनसे शारीरिक दूर बनाने लगते हैं. ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही नहीं होता है बल्कि दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में ऐसी शारीरिक अवस्था का सामना कर रहे लोगों को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है. वहीं बहुत से लोग उनसे इस डर से दूरी बना लेते हैं कि उन्हे भी यह समस्या ना हो जाए. सफेद दाग की इस समस्या को विटिलिगो कहा जाता है. विटिलिगो को लेकर दुनिया भर में जागरूकता की कमी है, वहीं इसे लेकर लोगों में कई तरह के भ्रम भी व्याप्त है. आइए जानते हैं क्या है विटिलिगो और क्या इससे डरना सही है ?
हाल ही में एक Mamta Mohandas Malayalam actress ( मलयाली अभिनेत्री ममता मोहनदास ) का एक पोस्ट काफी चर्चित हुआ, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनमें “विटिलिगो” के होने की पुष्टि हुई है. जिसके चलते उनकी त्वचा का रंग बदल रहा है. सिर्फ ममता ही नहीं उनके अलावा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी कई बेहद चर्चित हस्तियां हुई है जो Vitiligo बीमारी का शिकार रही है और जिन्होंने इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने तथा लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है. जिनमें माइकल जैक्सन , Amitabh Bachchan , सुपर मॉडल विनी हारलों, अभिनेत्री Nafisa Ali तथा मशहूर टी वी प्रेजेंटर ग्राहम नोर्टन सहित कई बेहद चर्चित नाम शामिल हैं.
क्या है विटिलिगो : What is vitiligo
दिल्ली के चर्म रोग विशेषज्ञ Dr Suraj Bharti बताते हैं कि vitiligo दरअसल एक प्रकार का skin disease ( चर्म रोग ) या स्किन डिसॉर्डर ( Vitiligo is a skin disorder ) है जिसमें शरीर के एक या एक से ज्यादा अंगों में त्वचा पर छोटे या बड़े आकार में सफेद पैच नजर आने लगते हैं. यानी उस स्थान की त्वचा का रंग प्राकृतिक रंग से बदल कर सफेद या हल्का होने लगता है. इस समस्या का प्रभाव ना सिर्फ चेहरे बल्कि शरीर के किसी भी हिस्से में और यहां तक की बालों में भी नजर आ सकता है.
शुरुआत में ये सफेद दाग पीड़ित की त्वचा पर छोटे-छोटे सफेद धब्बे के रूप में बनने शुरू होते हैं जो कभी-कभी फैलने भी लगते हैं, यानी छोटे छोटे सफेद धब्बे बड़े सफेद पैच में भी बदल सकते हैं. कुछ विशेष प्रकार के विटिलिगो में शरीर के अधिकांश हिस्सों की त्वचा का रंग भी बदल सकता है या सफेद हो सकता है. हालांकि यह एक दुर्लभ स्थिति होती है. इस समस्या के चलते कभी कभी त्वचा के रंग के साथ प्रभावित स्थान पर बालों का रंग और कई बार मुंह के अंदर की त्वचा का रंग भी बदल सकता है. विटिलिगो को “श्वेत कुष्ठ” या white leprosy नाम से भी जाना जाता है. वहीं कई बार लोग इसे कुष्ठ रोग समझने की भूल भी कर बैठते हैं जो सही नहीं है. आज भी एक बड़ा तबका ऐसा है जो इसे एक संक्रामक रोग मानता हैं, और इस समस्या से पीड़ित लोगों को या उनके सामान को छूने और यहां तक की उनके पास बैठने तक से भी कतराता है. जो बिल्कुल सही नहीं है. विटिलिगो संक्रामक नहीं होता है.
क्या हैं कारण
डॉ भारती बताते हैं कि आमतौर पर किसी भी प्रकार के सफेद दाग को मेडिकल भाषा में विटिलिगो ही कहा जाता है. वह बताते हैं कि जब किसी भी रोग या अन्य कारण से त्वचा को रंग प्रदान करने वाले मेलानिन को बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं या किसी अन्य कारण से मेलानिन बनना बंद हो जाता है, तो इस रोग के विकसित होने की आशंका बढ़ जाती है.
विटिलिगो के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
ऑटो इम्यून रोग/ स्वप्रतिरक्षित रोग होना. जिसमें हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे ही शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है. ऐसा होने पर कई बार शरीर में मेलेनोसाइटस सेल्स यानी मेलानिन बनाने वाली कोशिकाएं क्षतिग्रस्त या नष्ट होने लगती हैं जिससे त्वचा पर सफेद रंग के पैच बनने लगते हैं. इसे विटिलिगो के सबसे प्रचलित कारणों में से एक माना जाता है. आनुवंशिक कारण, यानी परिवार में पहले से किसी को यह बीमारी होने के चलते भी यह हो सकता है. हालांकि यह एक बेहद दुर्लभ कारण हैं. यानी ऐसा बहुत कम देखने में आता है. त्वचा पर कई बार तेज धूप के दुष्प्रभाव के कारण, उसके औद्योगिक रसायन के संपर्क में आने, किसी प्रकार की स्किन एलर्जी या एक्जिमा, सोरायसिस या टीनिया वर्सिकलर जैसे त्वचा रोगों के कारण या ऐसे किसी विकार के चलते जिसमें त्वचा में मेलेनिन कोशिकाएं नष्ट हो जाती हों, के चलते भी सफेद दाग की समस्या हो सकती हैं. शरीर में पोषण की कमी, आहार में लापरवाही, तनाव तथा शरीर में हानिकारक टॉक्सिन्स जमा होने के कारण भी त्वचा में यह समस्या नजर आ सकती हैं. डॉ भारती बताते हैं कि कारणों तथा विटिलिगो के प्रभाव के आधार पर इसके निम्नलिखित प्रकार माने गए हैं .