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कई तरह की बीमारियों से बचाता है हैंड वॉश

कोविड-19 के इस दौर में हाथों को साबुन से अच्छे से धोने की आदत को संक्रमण से बचाव के लिए सबसे बड़ी जरूरत माना गया है. सिर्फ कोरोना की नहीं बहुत सी बीमारियों तथा संक्रमणों से हाथों को अच्छे से धोने की आदत से ही बचा जा सकता है. बेहतर स्वास्थ्य के लिए हाथों को साबुन से अच्छे से धोने की जरूरत के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 15 अक्टूबर को ‘ग्लोबल हैंडवाशिंग डे’ मनाया जाता है.

global hand washing day
ग्लोबल हैंडवाशिंग डे’

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Published : Oct 15, 2020, 8:22 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 12:14 PM IST

खाना खाने से पहले तथा खाना खाने के बाद या किसी भी कार्य को करने के बाद हाथों को अच्छे से धोना हमें कई तरह की बीमारियों से बचा सकता है. इस बात को हर कोई जानता और मानता है.लेकिन कोविड-19 से पहले ज्यादातर लोग इस आदत को लेकर गंभीर नहीं थे. लेकिन कोरोनावायरस के इस दौर के चलते लोगों ने हाथ धोने को अपनी दिनचर्या का महत्वपूर्ण कार्य बना लिया है. सिर्फ कोरोना से ही नहीं बल्कि हाथों की सफाई या हाथ को सही तरह से धोने की प्रक्रिया हमें कई तरह के संक्रमणों और बीमारियों से बचा सकती है. इस बात को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 15 अक्टूबर को हर साल ग्लोबल हैंडवाशिंग डे मनाया जाता है.

ग्लोबल हैंडवाशिंग डे का इतिहास तथा इस वर्ष की थीम

हाथों को सही तरीके से धोने की जरूरत की तरफ लोगों का ध्यान दिलाने के उद्देश्य से सर्व प्रथम वर्ष 2008 में इस विशेष दिवस का आयोजन किया गया था. जिसकी शुरुआत 15 अक्टूबर को लगभग 70 देशों के 120 मिलियन बच्चों ने अच्छे से साबुन से हाथ धो कर की थी. तब से हर साल पूरे विश्व में ग्लोबल हैंडवाशिंग डे के अवसर पर साफ तथा कीटाणु रहित हाथों के महत्व को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से अलग-अलग थीम पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसी श्रंखला में इस वर्ष की थीम:हैंड हाइजीन फॉर ऑल यानी हाथों की स्वच्छता सभी के लिए,निर्धारित की गई है.

हैंड वॉश से घटते संक्रमण तथा बीमारियों के मामले

भारतीय नेशनल हेल्थ पोर्टल (एनएचपी) के अनुसार यदि कोई व्यक्ति साबुन की सहायता से सही तरीके से हाथ धोता है, तो वह कई तरह की बीमारियों तथा संक्रमण से बच सकता है; जैसे डायरिया तथा श्वास संबंधी रोग. रोग नियंत्रण तथा निवारण केंद्र (सीडीसी) के अनुसार यदि हम सही तरीके से हाथ धोते हैं, तो डायरिया जैसी बीमारियों के मामलों में 23 से 40 प्रतिशत तक, श्वास संबंधी रोग तथा संक्रमण के मामलों में भी 16 से 21 प्रतिशत तथा पेट में गैस संबंधी समस्याओं से जुड़े मामलों में भी 29 से 57 प्रतिशत तक की कमी आती है.

हैंड वॉश की जरूरत और उसका महत्व

हम अपना कोई भी काम अपने हाथों द्वारा ही करते हैं, चाहे लिखना हो, खाना खाना हो या किसी चीज को छूना हो. इन सभी कार्यों को करते समय हम अपने हाथों से ऐसे स्थानों तथा लोगों को छूते हैं, जो धूल, मिट्टी या संक्रमण के कीटाणुओं से भरे रहते हैं. दरअसल होता कुछ यूं है कि जब हम ऐसी सतह को छूते हैं, जिसे पहले किसी संक्रमित व्यक्ति ने छुआ हो या उस सतह पर किसी भी प्रकार के संक्रमण या बीमारी के कीटाणु मौजूद हो, और उसके बाद उन्हीं हाथों से हम अपने शरीर के किसी भी अंग को छूते हैं, विशेष तौर पर अपने चेहरे या मुंह को, तो हम उस संक्रमण को अपनी तरफ आकर्षित कर लेते हैं. वहीं जब संक्रमण के कीटाणुओं से युक्त हाथों से जब हम कुछ भी खाते या पीते हैं, तो वह कीटाणु सीधे हमारे पेट में चले जाते हैं.

हाथों को धोने का 5 स्तरीय तरीका

विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा सीडीसी सहित दुनियाभर की तमाम स्वास्थ्य संबंधित संस्थाएं अपने हाथों से कीटाणुओं को दूर भगाने के लिए साबुन से हाथ धोने के लिए पांच चरणों का इस्तेमाल जरूरी बताती है.

  1. हाथों को अच्छे से गीला करके उस पर साबुन लगाएं.
  2. अपने हाथों को आगे तथा पीछे, उंगलियों के बीच में, नाखूनों तथा उनके के कोनों को साबुन से अच्छे से मलें.
  3. अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक मलें.
  4. अपने हाथों को अच्छे से चलते पानी में धोएं, जिससे उन पर लगा साबुन पूरी तरह से निकल जाए.
  5. गीले हाथों को तौलिए या किसी सूखे कपड़े की मदद से अच्छे से सुखाएं.

हाथों का रखें ख्याल

जब हम साबुन से अपने हाथों को लगातार धोते हैं, तो ज्यादातर मामलों में हमारे हाथों की त्वचा बहुत ज्यादा सूखी तथा खुरदुरी हो जाती है. वहीं यदि हम सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल करते हैं, उस अवस्था में भी हाथों की त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता है. लेकिन बेहतर स्वास्थ्य के मद्देनजर जरूरी है कि हाथों को धोने या साफ रखने की आदत को नियमित तौर पर अपनाया जाए. ऐसे में हाथों को धोने के बाद किसी भी प्रकार की क्रीम या लोशन का इस्तेमाल हाथों की त्वचा को सूखा या खुरदुरा होने से बचा सकता है.

बच्चों में बचपन से डाले हाथ होने की आदत

रोगों से बचाव तथा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है कि बच्चों में बचपन से ही स्वस्थ आदतों का विकास किया जाए. इन आदतों में साबुन से हाथ धोना भी एक महत्वपूर्ण आदत है. यदि बच्चा इस आदत को अपनाएगा और इसके महत्व को समझेगा तो जीवन भर कई तरह के संक्रमण और बीमारियों से स्वयं का बचाव कर पाएगा. खास तौर पर कोविड-19 के इस दौर में साबुन से सही तरीके से हाथ धोना सिर्फ एक अच्छी आदत ही नहीं सबके लिए एक जरूरत बन गई है. सैनिटाइजर का इस्तेमाल जिसे आजकल के दौर में हाथ धोने का एक विकल्प भी माना जा रहा है, हालांकि लोगों में बहुत प्रचलित हो रहा है, लेकिन फिर भी साबुन से हाथ धोना हर अवस्था में एक बेहतर विकल्प है.

Last Updated : Oct 16, 2020, 12:14 PM IST

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