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Published : May 18, 2021, 4:50 PM IST

ETV Bharat / sukhibhava

कोरोना संक्रमण के दौरान तथा उससे ठीक होने के उपरांत कैसा हो मरीज का भोजन

कोविड-19 संक्रमण के दौरान तथा उससे ठीक होने के उपरांत भी शारीरिक कमजोरी के साथ ही स्वाद और सुगंध में कमी जैसी अन्य समस्याओं के चलते व्यक्ति के लिए जरूरी मात्रा में भोजन ग्रहण करना सरल नहीं होता है। संक्रमण के दौरान पीड़ित की भूख काफी ज्यादा कम हो जाती है। लेकिन संक्रमण से रिकवरी यानी उससे पूरी तरह से ठीक होने के लिए बहुत जरूरी है की इलाज के साथ ही जरूरी मात्रा में पौष्टिक भोजन ग्रहण किया जाए तथा शरीर में पानी की कमी न होने दी जाए ।

Dietary Tips During And Post-COVID-19 Recovery
कोरोना संक्रमण के दौरान तथा उससे ठीक होने के उपरांत कैसा हो मरीज का भोजन

इलाज और उपचार के अलावा सही मात्रा में भोजन भी कोविड-19 संक्रमण से ठीक होने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ना सिर्फ कोरोना संक्रमण के दौरान बल्कि कोरोना से ठीक होने के उपरांत भी चिकित्सक पीड़ित को जरूरी मात्रा में भोजन तथा पेय पदार्थ ग्रहण करने की सलाह देते हैं ,जिससे संक्रमण के चलते शरीर में उत्पन्न हुई कमजोरी से छुटकारा पाया जा सके।

आयुर्वेदाचार्य डॉ पी. वी रंगनायकुलु के अनुसार पौष्टिक भोजन न सिर्फ शरीर की कमजोरी दूर करता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी दुरुस्त करता है। कोविड 19 से रिकवरी की रफ्तार को शरीर में पानी की कमी भी प्रभावित करती है। इसलिए जरूरी है की संक्रमण से लेकर ठीक होने के उपरांत भी भरपूर मात्रा में पानी पिया जाय।

ईटीवी भारत सुखीभवा को संक्रमण के दौरान तथा ठीक होने के उपरांत शरीर को फायदा पहुंचाने वाले भोजन के बारे में जानकारी देते हुए डॉ पी.वी रंगनायकुलु बताते हैं इन परिस्थितियों में व्यक्ति को हल्का, पौष्टिक तथा सुपाच्य भोजन ग्रहण करना चाहिए, जिसमें भरपूर मात्रा में मिनरल्स, ज़िंक, सी, डी व अन्य विटामिंस तथा अन्य पोषक पदार्थ शामिल हों।।

कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति का कैसा हो भोजन

डॉक्टर रंगनायकुलु बताते हैं कि कोविड-19 से पीड़ित लोगों की खुराक तथा भूख आमतौर पर कम हो जाती है। इसीलिए उन्हें ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ ग्रहण करने चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्हे खिचड़ी,लौकी व तोरी जैसी सब्जियों के साथ रोटी तथा मूंग, अरहर या तुवर की दाल जैसे हल्के तथा सरलता से पचने वाले भोजन को अपनी नियमित खुराक में शामिल करना चाहिए ।

संक्रमण के दौरान भोजन कैसा हो या क्या खाना चाहिए इस बारे में किसी पोषण विशेषज्ञ या डाइटिशियन की सलाह अनुसार विशेष डाइट प्लान बनाया जा सकता है। इसके साथ ही यह ध्यान में रखना बहुत जरूरी है कि प्रतिदिन ताजा भोजन खाया जाय। इन पारिसतिथ्यों में बासी भोजन, कच्ची सब्जियों तथा मिठाइयों से भी परहेज किया जाना जरूरी है। हालांकि ज्यादा इच्छा होने पर मीठा खाया जा सकता है लेकिन ध्यान रखें कि उसकी मात्रा बहुत कम हो।

कोविड-19 से ठीक होने के उपरांत( 14 दिनों के उपरांत ) कैसी हो खुराक

डॉक्टर रंगनायकुलु बताते हैं कि 14 दिन के एकांतवास तथा इलाज की अवधि पूरी होने के उपरांत मरीज की खुराक तथा भूख पहले की अपेक्षा बढ़ जाती है। ऐसी अवस्था में मरीज को सामान्य से थोड़ी ज्यादा खुराक ग्रहण करनी चाहिए। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि पीड़ित का भोजन प्रोटीन से भरपूर होना चाहिए । जिसके लिए शाकाहारी लोग दूध, दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर, छेना, मशरूम, सूखे मेवे तथा सोया को नियमित तौर पर अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं। मांसाहारी व्यक्ति अंडे, मीट तथा चिकन को नियमित तौर पर अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।

संक्रमण से ठीक होने के उपरांत शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता इसलिए ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि यह है संक्रमण के चलते क्षतिग्रस्त हुए फेफड़ों के टिश्यू को ठीक करने तथा उनके पुनर्निर्माण में मदद करते हैं। ऐसी अवस्था में यदि पीड़ित के भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम हो तो फेफड़ों की रिकवरी मुश्किल हो जाती है।

ध्यान देने योग्य बातें

संक्रमण से ठीक हो जाने के बाद भी लंबे समय तक कई लोग शरीर में कमजोरी महसूस होने की शिकायत करते हैं। डॉ रंगनायकुलु बताते हैं कि बहुत जरूरी है कि संक्रमण के दौरान तथा संक्रमण से ठीक होने के उपरांत भी जरूरी मात्रा में पौष्टिक भोजन ग्रहण किए जाने के साथ इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि पीड़ित अपने शरीर पर जरूरत से ज्यादा कार्य का बोझ ना डालें जिससे उसे थकान महसूस हो। व्यायाम हर लिहाज से शरीर के लिए अच्छा होता है लेकिन कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो जाने के उपरांत श्वास संबंधी व्यायामों सहित हल्का-फुल्का व्यायाम ही करना चाहिए।

इस अवस्था में ज्यादा से ज्यादा मौसमी फल तथा सब्जियों का सेवन करना चाहिए, तथा फ्रोजन व प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जिनमें चर्बी, जरूरत से ज्यादा वसा, चीनी तथा नमक का इस्तेमाल किया गया हो तथा मिठाई खाने से परहेज किया जाना चाहिए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार व्यस्को को पूरे दिन लगभग 6 चम्मच से ज्यादा चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। जो कि पूरे दिन में भोजन के जरिए ग्रहण की जा रही ऊर्जा का लगभग 5% होता है। इससे ज्यादा चीनी का सेवन शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है। यदि किसी को मीठा खाने की बहुत ज्यादा तलब लगती भी है तो उसे चीनी की बजाए ताजे फलों का सेवन करना चाहिए।

इसके साथ ही डब्ल्यू.एच.ओ ज्यादा मात्रा में फाइबर युक्त आहार का सेवन करने की सलाह भी देता है। दरअसल फाइबर हमारे पाचन तंत्र को संतुलित तथा स्वस्थ रखने का कार्य करता है। फाइबर युक्त आहार खाने पर पेट जल्दी भर जाता है और व्यक्ति जरूरत से ज्यादा भोजन ग्रहण नहीं करता है। जरूरी मात्रा में फाइबर के लिए सब्जियों , फल, दालों तथा अनाज को अपने नियमित भोजन में शामिल करना चाहिए। इसके अतिरिक्त होल ग्रेन फूड यानी ओट्स, ब्राउन राइस तथा ब्राउन पास्ता, किनोवा तथा सफेद ब्रेड में भी फाइबर भरपूर मात्रा में मिलता है

ना सिर्फ संक्रमण के दौरान बल्कि उससे ठीक होने के उपरांत भी पीड़ित को इस प्रकार के ठोस आहार के अलावा दिन भर में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। इस अवस्था में शरीर में पानी की कमी बिल्कुल भी नहीं होने देनी चाहिए। लेकिन जहां तक संभव हो कोल्ड ड्रिंक या शरबत जैसे मीठे पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिए, इसकी बजाय नारियल पानी एक आदर्श पेय पदार्थ माना जाता है जो कि बड़ी संख्या में पोषक तत्वों का स्रोत होता है।

डॉक्टर रंगनायकुलु बताते हैं कि पौष्टिक भोजन तथा शरीर में सही मात्रा में पानी की आपूर्ति कोरोना से रिकवरी की रफ्तार को काफी ज्यादा बढ़ा देती है।

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