Iodine Deficiency Prevention Day : क्या आप जानते हैं कि शरीर में आयोडीन की कमी थायरॉइड फ़ंक्शन व मेटाबोलिज़्म में समस्या के साथ कई रोगों व विकारों का कारण बन सकती है! यहीं नहीं यह बच्चों में मानसिक विकलांगता या गर्भवती महिलाओं में गर्भपात या बच्चे के मृत जन्म का कारण भी बन सकती है. Iodine आहार से मिलने वाले महत्वपूर्ण खनिजों में से है जिसकी कमी शरीर में कई विकारों व समस्याओं का कारण बन सकती है. हालांकि भारत सहित दुनिया भर में Iodine Deficiency के कारण होने वाली समस्याओं को लेकर जागरूकता फैलाने तथा लोगों को जरूरी मात्रा में आयोडीन युक्त आहार के सेवन के लिए प्रेरित करने के लिए कई अभियान चलाए जाते रहे हैं, लेकिन अभी भी वैश्विक स्तर इस दिशा में ज्यादा जागरूकता फैलाने के लिए लगातार प्रयासों की जरूरत है.
हर साल 21 अक्टूबर को मनाए जाने वाला वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस या विश्व आयोडीन अल्पता दिवस एक ऐसा ही प्रयास जब कई देशों की विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएं विभिन्न आयोजनों के माध्यम से Iodine Deficiency के कारण होने वाली समस्याओं को लेकर जागरूकता फैलाने तथा स्वस्थ शरीर के लिए आयोडीन युक्त पोषण को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करती हैं. World Iodine Deficiency Disorders Prevention Day .
क्या है और क्यों जरूरी आयोडीन
आयोडीन एक डायटरी खनिज है जो थायरॉयड ग्रंथि में बनने वाले हार्मोन के निर्माण तथा ग्रंथि के कार्यों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. थायरॉयड ग्रंथि दरअसल हमारे शरीर में तापमान, भूख, विकास तथा और ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित रखने सहित कई अन्य क्रियाओं को संचालित व नियंत्रित करने के लिए जरूरी हार्मोन का निर्माण करती है. इनमें थायरॉयड हार्मोन थायरोक्सिन (टी4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (टी3) का निर्माण आहार के जरिए प्राप्त होने वाले Iodine से होता है. ऐसे में जब शरीर को जरूरी मात्रा में आयोडीन प्राप्त नहीं होता है तो थायरॉयड हार्मोन का निर्माण तथा उनके कार्य बाधित होने लगते हैं . जिसके चलते पीड़ित में कई स्वास्थ्य संबंधी या शरीर के विकास संबंधी विकार या समस्याओं के होने का खतरा बढ़ जाता है.
विशेषतौर पर प्रारंभिक बचपन के दौरान Iodine Deficiency बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास को बाधित कर सकती हैं और उनमें सीखने की क्षमता में कमी या मानसिक मंदता जैसी समस्याओं के विकसित होने का कारण बन सकती हैं. वहीं आयोडीन की कमी गर्भवती माताओं में भी गंभीर प्रभाव दिखा सकती है और कई बार मृत बच्चे का जन्म या गर्भपात का कारण भी बन सकती है. इनके अलावा आयोडीन की कमी घेंघा रोग, हाइपोथायरायडिज्म ( goiter, hypothyroidism ) या वजन बढ़ने सहित कई अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है.
क्या कहते हैं आँकड़े
WHO के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में लगभग 200 करोड़ लोग जरूरी मात्रा में आयोडीन का सेवन नहीं कर पाते हैं. जिसके चलते आयोडीन की कमी 130 देशों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याओं और विकारों का कारण बनती हैं. आंकड़ों की माने तो विश्व की लगभग एक-तिहाई आबादी यानी लगभग 33% लोग आयोडीन अल्पता विकार (आईडीडी) के जोखिम से ग्रस्त है. वहीं भारत में लगभग 6.1 करोड़ से ज्यादा लोग Iodine Deficiency के कारण होने वाले स्थानिक घेंघा रोग से तथा लगभग 88 लाख लोग मानसिक/शारीरिक विकलांगता से पीड़ित हैं.