नई दिल्ली: तिमारपुर विधानसभा में लोग नर्क की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. दिल्ली में 2 दिन की हुई मानसून की बारिश से हुए जलभराव और गंदगी ने इलाके का हाल बेहाल कर दिया है. जलभराव और गंदगी के चलते लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. क्षेत्र की समस्या को लेकर बीते शनिवार सिविल लाइन जोन के डीसी ने इलाके का दौरा किया और इलाके की बदहाली को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई.
डीसी सी फटकार के बाद दिल्ली नगर निगम और दिल्ली फ्लड विभाग की ओर से इलाके में मात्र दो पंपसेट लगाए गए, जिससे गलियों में जमा पानी निकाला जा रहा है. बता दें कि इलाके में जनभराव की निकासी के लिए नालियां नहीं हैं. जलभराव का पानी निकालने के लिए पंपसेट से पानी निकालकर यमुना क्षेत्र में डाला जा रहा है.
ये भी पढ़ें: निगम चुनावों से पहले पार्षदों को साधने की कोशिश में BJP, एडहॉक-स्पेशल कमेटियों में पार्षदों को मिल सकती जगह
वहीं, इलाके के लोगों का कहना है कि, दशकों से इसी तरह की समस्या का सामना लोगों को करना पड़ रहा है. कोई निगम पार्षद और विधायक इलाके का दौरा करने के लिए नहीं आते हैं, यदि कोई आता भी है तो वह बदहाली पर ध्यान नहीं देता. जिसकी वजह से इलाके में लोग गंदगी के बीच जीने को मजबूर हैं. लगातार शिकायत मिलने के बाद सिविल लाइन के डीसी ने इलाके का दौरा किया और हालात देखकर अधिकारियों को फटकार लगाई. इसके बाद इलाके में जमा पानी को निकालने के लिए दो पंपसेट लगाए गए जो नाकाफी हैं. फ्लड विभाग के एक कर्मचारी ने बताया उन्हें गंदा पानी यमुना बेल्ट में डालने के लिए इलाके के जेई और खुद विधायक ने कहा है.
ये भी पढ़ें: जेएनयू कैंपस हिंसा मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई : सरकार