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सोशल मीडिया के जरिए ठगी, दो नाइजीरियन गिरफ्तार

मायापुरी पुलिस ने सोशल मीडिया के सहारे ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में दो नाइजीरियन मूल के व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. ये साइबर ठग पहले दोस्ती और प्यार का झांसा दे शिकार को जाल में फंसाते हैं और फिर महंगे गिफ्ट देने का भरोसा जाता लोगों का अकाउंट खाली करवाते थे.

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सोशल मीडिया के जरिए ठगी

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Published : Feb 10, 2021, 10:54 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 11:52 AM IST

नई दिल्ली:मायापुरी पुलिस ने सोशल मीडिया के सहारे ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में दो नाइजीरियन मूल के व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. ये साइबर ठग पहले दोस्ती और प्यार का झांसा दे शिकार को जाल में फंसाते हैं और फिर महंगे गिफ्ट देने का भरोसा जाता लोगों का अकाउंट खाली करवाते थे.

सोशल मीडिया के इस्तेमाल में रहें सावधान
अगर आप भी सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि इस दौरान किसी से फ्रेंडशिप करना भारी पड़ सकता है और इतना ही नहीं आप साइबर क्राइम का भी शिकार हो सकते हैं, क्योंकि इन दिनों ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मायापुरी पुलिस ने ऐसे ही फेसबुक और वाट्सएप का इस्तेमाल कर लोगों से ऑनलाइन ठगी करने वाले दो नाइजीरियन नागरिकों को गिरफ्तार किया है.

सोशल मीडिया के जरिए ठगी

फेसबुक के माध्यम से ठग के चक्कर में फंसी लड़की

दरअसल मॉयपुरी पुलिस को एक लड़की ने शिकायत दी थी कि उसे फेसबुक पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई है. लड़की ने उसे एक्सेप्ट किया और दोस्ती बढ़ती गई. इस बीच आरोपी ने पीड़ित लड़की को उसकी मां के जन्मदिन पर सरप्राइज गिफ्ट खरीदने की बात कही और इसे भेजने के लिए उसने लड़की के घर का पता ले लिया.

कस्टम के नाम से आया फर्जी फोन

इसके बाद एक दिन जान्हवी शर्मा नाम से फोन आया, जो अपने आपको कस्टम विभाग की बता रही थी और उसने गिफ्ट आने की बात कह उस पर लगने वाले 37 हजार कस्टम ड्यूटी भरने की बात कही और लड़की ने आरोपी द्वारा दिए बैंक अकाउंट में रुपये ट्रांसफर कर दिए. दुबारा पीड़ित को फोन आया कि गिफ्ट में काफी कैश और ज्वेलरी है तो उसे तीन लाख 65 हजार पे करना है. लड़को ने ये पैसे भी ट्रांसफर कर दिए, इसके बाद तीसरी बार पेनल्टी के तौर पर पांच लाख से अधिक रुपये जमा कराने को कहा गया. तब लड़की को ठगी का अहसास हुआ.

ठगों की है आप पर नजर
पीड़ित को आरोपी ने जो अककाउंट नंबर दिया था, उससे लिंक मोबाईल नंबर पुलिस को मिला, उससे एक आरोपी दिवस राईमल का सुराग लगा और ये पता चला कि उसने एक इस्तेमाल की हुई कार खरीदी है. इसके बाद पुलिस ने अथॉरिटी से कार के पहले मालिक का पता निकाला तो उसने उस कार डीलर की जानकारी दी. जिसमे राईमल को कार दिलाया. इसके बाद पुलिस को राईमल के छतरपुर स्थित ठिकाने का पता चला और उसे गिरफ्तार किया गया.

100 से अधिक ठगी का खुलासा

इसके बाद पुलिस ने तकनीकों के सहारे इसके दूसरे साथी नयूबीसी अगस्टीन को भी गिरफ्तार किया ये दोनों नाइजीरियन मूल के हैं. पुलिस ने इनके पास से दस से अधिक एटीएम कार्ड, नकली पासपोर्ट, सिम कार्ड, हौंडा सिटी कार, स्कूटी, स्वाइप मशीन, बैंक पासबुक के साथ-साथ एक लाख ग्यारह हजार कैश भी बरामद किया है.

पुलिस के अनुसार अब तक इन लोगों द्वारा 100 से अधिक लोगों से ठगी की बात सामने आई है और पुलिस के अनुसार ये लोग शिकार को फंसाने के लिए सोशल मीडिया अंतराष्ट्रीय आईपी ऐड्रेस के माध्यम से नकली अकाउंट बनाते थे और साथ ही नकली आईडी से अलग अलग बैंक में अकाउंट खोलते थे.

Last Updated : Feb 17, 2021, 11:52 AM IST

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