नई दिल्ली:दिल्ली केउपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुंडका विधानसभा क्षेत्र में 2 अनाधिकृत कॉलोनियों और 3 गांव में कुल 55.22 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाने की परियोजना को मंजूरी दी है. साथ ही मुंडका में 2 एमएलडी और 6 एमएलडी क्षमता वाले दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), 15 एमएलडी और 6 एमएलडी क्षमता वाले दो सीवेज पपिंग स्टेशन (एसपीएस) का निर्माण किया जाएगा.
इन परियोजनाओं की कुल लागत 146.36 करोड़ रुपये है. इससे मुंडका विधानसभा क्षेत्र के करीब 45 हजार लोगों को फायदा होगा. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुंडका विधानसभा क्षेत्र में 2 अनाधिकृत कॉलोनियों और 3 गांव में कुल 55.22 किमी लंबी सीवर लाइन डाली जाएगी. इसके साथ ही लोगों के घरों में हाउस सीवर कनेक्शन भी दिया जाएगा, यहां सीवरेज सिस्टम न होने से स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक या बरसाती नालों में सीवेज छोड़ा जाता है, जो कि मौजूद नाले से यमुना नदी में गिरता है.
इससे प्रदूषण स्तर में वृद्धि होती है. ऐसे में इस जल प्रदूषणकारी तत्वों को कम करने के लिए केजरीवाल सरकार ने हर घर को सीवेज से जोड़ने का निर्णय लिया है. यहां से निकलने वाला सीवरेज, सीवर लाइनों के माध्यम से नजदीकी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद ट्रीटेड पानी यमुना में बहेगा मुंडका विधानसभा क्षेत्र में 1 गांव ( घेवरा गांव) में 12.5 किमी लंबी सीवर लाइन डालने से करीब 11 हजार लोगों को फायदा होगा. इसके अलावा 2 एमएलडी एसटीपी और 6 एमएलडी एसपीएस का निर्माण किया जाएगा. इस परियोजना की लागत 51 करोड़ रूपये है.
वहीं, 2 अनाधिकृत कॉलोनियों और 2 गांव (निजामपुर और सावदा गांव) में 39.72 किमी लंबी सीवर लाइन डाली जाएगी. परियोजना से करीब 33 हजार की आबादी को लाभ होगा. इसके अलावा 6 एमएलडी एसटीपी और 15 एमएलडी सीवेज पंपिंग स्टेशन का निर्माण किया जाएगा. परियोजनाओं की कुल लागत 95.36 करोड़ रूपये है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि मुंडका में बनाए जाने वाले एसटीपी से शोधित पानी के रीसाइक्लिंग और दोबारा उपयोग पर जोर दिया जाएगा. एसटीपी से आने वाला उपचारित पानी न केवल यमुना को साफ करने में मदद करेगा, बल्कि अन्य चीजों के लिए भी बेहत उपयोगी है. इसे बागवानी और दिल्ली की झीलों का कायाकल्प करने आदि के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा, ताकि पीने योग्य पानी की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड की ओर से सीवर के पानी को पंप कर एसटीपी तक पहुंचाने के लिए मुंडका में 6 एमएलडी और 15 एमएलडी क्षमता वाले सीवेज पपिंग स्टेशन (एसपीएस) का निर्माण किया जाएगा. जिन घरों से इंटरनल सीवर लाइन कनेक्टिड होगी, वहां से पानी को एसटीपी तक पहुंचे के लिए सीवेज पपिंग स्टेशन (एसपीएस) अहम भुमिका निभाएगा. एसपीएस में मोटर पंप के माध्यम सीवर को एसटीपी तक भेजा जाता है. इन दोनों सीवेज पंपिंग स्टेशन में पानी ओवरफ़्लो होने या किसी तरह की खराबी के बारे में चेतावनी देने के लिए अलार्म लगाए जाएंगे. इससे दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को तुरंत चेतावनी मिल जाएगी कि सीवेज ओवरफ्लो का खतरा बढ़ गया है, ताकि समय रहते उचित कदम उठाया जा सके.
दरअसल, वेस्टवॉटर पंपिंग स्टेशनों की निगरानी आईओटी मॉनिटरिंग डिवाइस के जरिये की जाएगी. इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में लगा सेंसर यह सुनिश्चित करेगा कि पपिंग स्टेशन में सीवर का गंदा पानी एक तय लेवल तक भरते ही वरिष्ठ अधिकारियों को अलर्ट चला जाए, जिससे की सीवेज पंपिंग स्टेशन पर मौजूद ऑपरेटर की जिम्मेदारी और जवाबदेही दोनों तय की जा सके.
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मुंडका में दिल्ली सरकार की ओर से 2 एमएलडी और 6 एमएलडी क्षमता वाले दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाएंगे. एसटीपी के पूरा होने के बाद मुंडका की कॉलोनियों व गांवों में लोगों को सीवर की समस्या से राहत मिलेगी और यमुना में साफ पानी गिरेगा. एसटीपी से ट्रीटेड पानी का उपयोग भू-जल को पुनः से जीवंत करने के लिए भी किया जा सकेगा, जबकि शेष पानी को यमुना में छोड़ा जाएगा. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार मुफ्त पेयजल आपूर्ति कर ही रही है और सीवरेज प्रबंधन भी बेहतर हुआ है. हम दिल्ली की सभी अनाधिकृत कालोनियों में सीवर लाइन बिछाने और सीवरेज प्रबंधन बेहतर करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार अनाधिकृत कालोनियों में निशुल्क सीवर कनेक्शन दे रही है. यह योजना सीवरेज प्रबंधन व यमुना को साफ करने में अहम साबित होगी. पहले सीवर कनेक्शन लेना बहुत महंगा था. सीवर कनेक्शन लेने के लिए लोगों को विकास, कनेक्शन व रोड कटिंग शुल्क देना पड़ता था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे निशुल्क कर दिया है. मुंडका की जिन कॉलोनियों व गांवों में सीवर लाइन बिछाई जाएगी, वहां पर साथ ही साथ इलाके के उपभोक्ताओं के घरों तक घरेलू सीवर कनेक्शन लाइन का विस्तार किया जाएगा, ताकि लोगों को सीवर की समस्या से न जूझना पड़े. साथ ही खुद सीवर लाइन जोड़ने व सड़क काटने के लिए संबंधित एजेंसियों से स्वीकृति लेने की जरूरत न पड़े.
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