नई दिल्ली:इस्कॉन द्वारका के श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर में भगवान जगन्नाथ के प्राकट्य दिवस के मौके पर स्नान यात्रा उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें काफी संख्या में भक्तों ने भाग लिया. इस उत्सव का प्रारंभ शाम साढ़े 5 बजे से हुआ, जिसमें मंदिर के चारों ओर भगवान की परिक्रमा यात्रा निकाली गयी. जगन्नाथ पुरी धाम की तर्ज पर भगवान को अर्पित करने के लिए अनेक तरह के उड़िया व्यंजनों से 'आनंद बाजार' सजाया गया था.
संध्या बेला में भगवान जगन्नाथ का 108 दिव्य कलश जल से स्नान किया गया. यह कोई सामान्य जल नहीं बल्कि जगन्नाथ पुरी धाम के दिव्य कूप का विशेष जल (गंगा, यमुना, सरस्वती का सम्मिश्रण) था. स्नान के पश्चात उनका सुगंधित फूलों से अभिषेक किया गया. उसके बाद उन्हें भोग अर्पण किया गया और फिर भगवान गजवेश यानी गणेश रूप में भक्तों ने उनका दर्शन किया. कहते हैं भगवान जगन्नाथ जी को स्नान के बाद ठंड लग जाती है और उन्हें तेज़ बुखार आ जाता है. इस कारण वे विश्राम के लिए चले जाते हैं और उनका दर्शन बंद कर दिया जाता है. फिर 15 दिन बाद रथ-यात्रा के समय वे अपने भक्तों को प्रसन्नतापूर्वक दर्शन देते हैं.