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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 5, 2024, 8:56 PM IST

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किसानों की मांगों को लेकर बीकेयू ने डीएम ऑफिस पर किया धरना प्रदर्शन, सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

BKU protested at DM office: भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय गौतम बुद्ध नगर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा. किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो किसान संगठन बड़ी आंदोलन करेंगे.

बीकेयू ने डीएम ऑफिस पर किया धरना प्रदर्शन
बीकेयू ने डीएम ऑफिस पर किया धरना प्रदर्शन

बीकेयू ने डीएम ऑफिस पर किया धरना प्रदर्शन

नई दिल्ली/नोएडा: किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. किसानों ने मुफ्त मिलने वाली बिजली, नलकूप के कनेक्शन और गन्ने का भाव बढ़ने के साथ अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम एडीएम नितिन मदान को ज्ञापन भी सौंपा.

दरअसल, भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ताओं ने डीएम ऑफिस गौतम बुद्ध नगर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष राजपाल शर्मा ने किसानों की बढ़ती समस्याओं के बारे में बताया. ज्ञापन में प्रदेश सरकार से किसानों की सिंचाई मुफ्त, बिजली का वायदा, छुट्टा (लावारिश) पशुओं की समस्या, एसपी गारंटी कानून और एनजीटी के नियमों में किसानों के लिए ढील आदि का निस्तारण करने की मांग की गई.

धरना प्रदर्शन के दौरान राजपाल शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों से सिंचाई की बिजली मुफ्त का वायदा किया था जिसकी घोषणा बजट में पेश करते हुए की गई थी. लेकिन अभी तक किसानों को सिंचाई की मुफ्त बिजली उपलब्ध नहीं कराई गई है. पिछले चार वर्षो में सरकार ने मात्र गन्ना की कीमत ₹25 प्रति कुंटल बढ़ाई है जबकि खेती पर बढ़ते हुए खर्च को देखते हुए प्रदेश सरकार को ₹500 प्रति कुंटल गन्ने का भाव घोषित करना चाहिए.

किसान नेता का कहना है कि गन्ने के भुगतान में डिजिटल प्रणाली को अपनाते हुए भुगतान किया जाए. एमएसपी गारंटी कानून बनाने के मामले में केंद्र सरकार पहल करें और कानून को अमली जामा पहनाए. देश में अलग से एक किसान आयोग का गठन किया जाए और फसलों के उचित लाभकारी मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए. इसके साथ ही एनजीटी के नियमों में किसानों को ढील दी जाए. कृषि में काम आने वाले यंत्रों व साधनों को लेकर विशेष योजना के अंतर्गत सीमा में छूट देने का प्रावधान हो, जिससे कृषि में उपयोग होने वाले यंत्रों में वस्तुओं को जीएसटी मुक्त हो.

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