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दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय पर चार छात्रों को 'मनमाने ढंग से' निकालने का आरोप

दिल्ली स्थित दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय पर अपने चार छात्रों को मनमाने ढंग से निष्कासित करने का आरोप लगा है. कहा जा रहा है कि विश्वविद्यालय ने यह कार्रवाई इसलिए की क्योंकि एक हफ्ते पहले कई छात्रों ने स्कॉलरशिप और स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. विश्वविद्यालय छात्र संगठन ने प्रशासन से फैसले वापस लेने की मांग की है.

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Published : Feb 19, 2023, 8:47 PM IST

नई दिल्लीःदक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (एसएयू) की छात्र इकाई ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर रविवार को दो छात्रों को मनमाने तरीके से निष्कासित करने और दो अन्य छात्रों को रस्टिकेट करने का आरोप लगाया है. विश्वविद्यालय की छात्र इकाई ने एक बयान में बताया कि विश्वविद्यालय ने एक छात्र पर जुर्माना भी लगाया है. विश्वविद्यालय ने यह कदम तब उठाया है जब एक हफ्ते पहले कई छात्रों ने स्कॉलरशिप और स्टाइपेंड बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

छात्र इकाई ने दावा किया कि पिछले महीने पांच छात्रों को कारण बताओ नोटिस किया गया था. वहीं एक अस्थायी उच्च स्तरीय कमिटी ने इन सभी से पूछताछ की थी. 18 फरवरी को इन छात्रों को प्रोक्टर की तरफ से एक ई-मेल आया जिसमें निष्कासित और रस्टिकेट किए जाने की जानकारी दी गई थी. एसएयू छात्र संगठन ने इन कार्रवाई पर अपनी चिंता प्रकट की और निष्कासन के फैसले को वापस लेने की मांग की. छात्र इकाई ने बताया कि जिन दो स्टूडेंट्स को निष्कासित किया गया है उनमें प्रोचेता एम (एमफिल, समाजशास्त्र) और अपूर्वा वाईके (एलएलएम, सेकंड ईयर) शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि जिन दो छात्रों को रस्टिकेट किया है, उनमें केशव सवर्ण (एमए, समाजशास्त्र, सेकंड ईयर) और रोहित कुमार (पीएचडी, इकोनॉमिक्स) शामिल हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से ऐसी कार्रवाई के कारण एमए (समाजशास्त्र) के छात्र अम्मार अहमद ने खुदकुशी करने की कोशिश की थी. इस कारण उसके परिजन विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे.

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अम्मार को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मनमाने ढंग से निष्कासित किया गया था और वह लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहथा. वहीं, आज चार छात्रों पर मनमाने तरीके से कार्रवाई की गई है. निष्कासित छात्र अपूर्व वाईके ने कहा कि प्रशासन हमारी कब्रों पर इस विश्वविद्यालय का निर्माण करेगा. वहीं एक अन्य छात्र ने विश्वविद्यालय की कार्रवाई को संस्थागत हिंसा करार दिया है. एक अन्य निष्कासित छात्रा प्रोचेता एम ने कहा कि हमारे साथ जो कुछ भी हुआ है और अम्मार के साथ जो कुछ भी हुआ है, उसे संस्थागत हिंसा और मानसिक उत्पीड़न के मामलों के रूप में देखा जाना चाहिए.

(इनपुटः पीटीआई)

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