नई दिल्लीःनॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन के तहत आने वाले हिंदू राव और कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल में हेल्थ वर्कर की सैलरी का मामला गर्माता जा रहा है. पिछले 4 महीने से इन्हें सैलरी नहीं दी गई है, जिसको लेकर नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ एमसीडी ने कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल की रेजिडेंट डॉक्टर्स की 1 महीने की सैलरी जारी कर दी है. जबकि मेडिकल स्टाफ नर्स स्टाफ को 1 महीने की भी सैलरी नहीं दी गई है. इसको लेकर नर्सिंग स्टाफ काफी नाराज है और इसे एमसीडी की फूट डालो और शासन करो नीति करार दिया है.
'डॉक्टर्स के भरोसे मरीजों का इलाज करवा लें एमसीडी'
कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल नर्सिंग स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष बीएल शर्मा ने बताया कि नॉर्थ एमसीडी रेजिडेंट डॉक्टर्स को 1 महीने की सैलरी देकर प्रोटेस्ट कर रहे हेल्थ वर्कर्स के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है. रेजिडेंट डॉक्टर्स को जुलाई महीने की सैलरी दी गई है, जबकि नर्सिंग स्टाफ ग्रुप सी और ग्रुप स्टाफ को आखिरी सैलरी मई महीने में मिली थी.
शर्मा ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ को 5 महीने होने जा रहा है और 1 महीने की भी सैलरी नहीं दी गई है. क्या एमसीडी को ऐसा लगता है कि बिना नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ ग्रुप सी और ग्रुप स्टाफ के अकेले डॉक्टर के दम पर हॉस्पिटल चला सकती है? अगर ऐसा है तो डॉक्टर को नवंबर और दिसंबर महीने की सैलरी भी एडवांस में दे दे और उनसे ही सारा काम करवा लें.