नई दिल्ली:फिजिशियन एवं हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल की पहली पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मेगा हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन किया गया. इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए सीपीआर 10 की ट्रेनिंग दी गई. यह लाइफ सेविंग ट्रेनिंग है जो सभी को पता होना चाहिए. सीपीआर 10 से अचानक हृदयाघात से मृत हो चुके व्यक्ति को भी आधे घंटे के भीतर पुनर्जीवित किया जा सकता है. डॉ. केके अग्रवाल जब तक जीवित रहे हर साल आवश्यक रूप से सभी सरकारी एवं गैस सरकारी दफ्तरों में जाकर कर्मचारियों को एवं कैंप लगाकर आम लोगों को भी सीपीआर 10 का प्रशिक्षण देते रहे. लोगों की भलाई के लिए उन्होंने इस परंपरा को हमेशा जारी रखने का प्रण किए जो उनकी मृत्यु के बाद भी चल रहा है. इसी के तहत दरियागंज स्थित एक स्कूल में यह लाइफ सेविंग ट्रेनिंग कैंप लगाया गया जिसमें बड़ी संख्या में आम लोगों ने इस तकनीक को सीखा.
इन परिस्थितियों में मरीज पर CPR 10 का प्रयोग कर पुनर्जीवित किया जा सकता है
सीपीआर 10 ट्रेनर रवीश ने लोगों को लाइव डेमो देकर बताया कि किस तरह अचानक हार्ट अटैक होने पर व्यक्ति के रुकी हुई धड़कन को कैसे दोबारा चालू किया जा सकता है. इस ट्रेनिंग का नाम उन्होंने एबीसी दिया. गले में कुछ फंस जाने की वजह से फेफड़े तक ऑक्सीजन जाने में अवरोध होने की स्थिति में, दुर्घटना के चलते सांस अवरुद्ध हो जाने की स्थिति में और पूरे शरीर में ब्लड का सरकुलेशन रुक जाने यानी हृदय गति रुक जाने की स्थिति में सीपीआर 10 तकनीक से लोगों की जान बचाई जा सकती है.
हृदय गति रुकने के आधे घंटे के भीतर CPR 10 देकर पुनर्जीवित सकते हैं
रवीश ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी खाने-पीने के मामले में बहुत फास्ट हो गई है. जल्दी खाने के चक्कर में भोजन का कोई टुकड़ा गले में फंस जाता है इसकी वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है और व्यक्ति बेचैनी और घबराहट महसूस करने लगता है. ऐसी परिस्थिति में सीपीआर 10 की मदद से उसकी जान बचाई जा सकती है. इसी तरह जब अचानक हार्ट अटैक हो और हृदय गति रुक जाए इसके चलते ब्लड सरकुलेशन नहीं हो पाए तो ऐसी परिस्थिति में भी सीपीआर 10 देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है. यह प्रक्रिया तभी कारगर साबित होगी जब हृदय गति रुकने के आधे घंटे के भीतर सीपीआर 10 का प्रयोग किया जाए.
सीपीआर 10 देने का ये है सही तरीका