नई दिल्ली: दिल्लीवासियोंं को एक बार फिर साल की शुरुआत में ही जल संकट का सामना करना पड़ सकता है. यमुना में हरियाणा से पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं छोड़े जाने से वजीराबाद तालाब फरवरी माह में ही सूखने लगा है. इस वजह से दिल्ली के ज्यादातर इलाको में पानी का संकट गहराता जा रहा है, जिससे त्योहारों का रंग फीका हो सकता है. यमुना नदी में लगातार जलस्तर घट रहा है. शनिवार को जलस्तर 671. 80 फीट था और रविवार के दिन जलस्तर घटकर 671.70 फीट रह गया, जो सामान्य से 2. 8 फीट कम है. इसको लेकर दिल्ली जल बोर्ड ओर दिल्ली सरकार लगातार चिंतित हैं.
8 मार्च को होली है और राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बढ़ रहे जल संकट की वजह से होली के त्यौहार का रंग फीका रहने का डर सता रहा है, जिसको लेकर आम लोग चिंतित हैं. दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि बीते साल बारिश नहीं होने की वजह से मार्च महीने में यमुना सूखना शुरू हो गया था, लेकिन इस बार फरवरी माह में ही जलसंकट शुरू हो गया है. वहीं, वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से भी पानी का उत्पादन कम हो रहा है. यह प्लांट अपनी क्षमता 136 एमजीडी की तुलना में करीब 15% पानी का उत्पादन कम कर रहा है. साल 2023 जनवरी और फरवरी के महीने में बारिश नहीं हुई और हरियाणा से पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं छोड़े जाने के कारण जल संकट बढ़ने लगा है. यहीं वजह है कि अब सर्दियों में भी तेज धूप खिल रही है.
ये भी पढ़ें:Manish Sisodia Arrested: दिल्ली पुलिस ने 36 आप नेताओं को किया डिटेन