नई दिल्ली:यमुना में आई बाढ़ का असर पूरे दिल्ली में देखने को मिला.राजधानी के कई पॉश इलाकों में बाढ़ का पानी घूस गया था. हालांकि, अब पानी धीरे-धीरे कम होने लगा है, लेकिन वह राजधानी के कई इलाकों में अपने निशान छोड़कर गया है. पिछले दिनों दिल्ली के मजनू टीला इलाके स्थितपाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी बस्ती भी पूरी तरह से बाढ़ में डूब गई थी. बस्ती में रहने वाले करीब 120 परिवारों को मजनू टीला स्कूल में ठहराया गया था.
यमुना का जलस्तर कम हुआ तो लोग अपने बस्ती लौटकर आए तो देखा मंजर बदला हुआ था. घरों का फर्श टूट हुआ था. करीब 3 से 4 फीट तक पानी भरा हुआ था, जिसके निशान अभी भी मौजूद है. लोगों का आरोप है कि इस दौरान सरकार ने कोई सहयोग नहीं किया.
यमुना का पानी, दिल्ली की बाढ़:लोगों का कहना है कि बाढ़ के समय हालात बहुत बदतर हो गए थे. लोग अपने घरों को छोड़कर निकल गए. सरकार ने बस्ती में रहने वाले सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों को मजनू टीला के स्कूल में बने बाढ़ राहत केंद्र में ले जाया गया. तीन दिन बाद जब पानी कम होने के बाद लोग अपने घरों में वापस आए, देखा कि घरों में गंदगी भरी हुई है. दीवारों पर बाढ़ के पानी के निशान बने हुए थे. घर में रखा सामान खराब हो गया. लोगों के पास खाने के लिए पर्याप्त राशन भी नहीं है. पीड़ित लोग सरकार से मदद का इंतजार कर रहे हैं.