नई दिल्ली: 2 जून 2020 से नरेला के सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में सिर्फ कोरोना के मरीजों का ही इलाज होगा. अस्पताल के इमरजेंसी सेवा, प्रसव सेवा और दूसरे सभी रोगों के इलाज नहीं होंगे. अस्पताल के अंदर ओर बाहर नोटिस भी चिपका दिए गए हैं. इस पर उत्तरी पश्चिमी जिले के भाजपा जिला अध्यक्ष नील दमन खत्री का कहना है कि सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में पहले से ही चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है. अस्पताल में भले ही कोरोना मरीजों का इलाज किया जाए लेकिन साथ ही अन्य दूसरी बीमारी से पीड़ित लोगों का भी इलाज किया जाना चाहिए.
10 लाख की आबादी रहती है
नरेला विधानसभा में 10 लाख की आबादी रहती है और यहां पर केवल इलाज के लिए दिल्ली सरकार का एकमात्र बड़ा सरकारी अस्पताल सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल ही है. अस्पताल पर पहले भी सुविधाओं की कमी के आरोप लगते रहे हैं और इस बार दिल्ली सरकार ने कोरोना संक्रमित लोगों के लिए इस अस्पताल को चुना है. सरकार कोरोना के मरीजों का इलाज करने के साथ-साथ यहां पर चिकित्सा सुविधाओं की कमी को भी पूरा करें. जिससे मरीजों को समय पर उचित इलाज मिल सके.
भाजपा ने दिल्ली सरकार पर कई सवाल खड़े किए
बाहरी दिल्ली के देहात इलाके में एकमात्र दिल्ली सरकार का यही बड़ा अस्पताल है. जहां पर पूरी विधानसभा के लोगों के अलावा दूर दूर से दूसरे मरीजों को भी इलाज कराने के लिए आना होता है. लेकिन, अब कोरोना का इलाज होने के बाद दूसरे मरीजों का इलाज सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र अस्पताल में बंद कर दिया गया है. यदि इलाके में कोई दुर्घटना होती है, गर्भवती महिला जिसके डिलीवरी होनी है तो वह अब कहां जाएंगे. दिल्ली सरकार ने इस अस्पताल को कोरोंना स्पेशल अस्पताल बना दिया है तो बाकी के मरीजों को इलाज कहां पर मिलेगा और उनका इलाज कौन करेगा. स्थानीय लोगों की समस्या को देखते हुए भाजपा ने दिल्ली सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
अगले आदेश तक होगा कोरोना का इलाज
फिलहाल कोरोना संक्रमण के अलावा दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीज अपने इलाज के लिए सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र अस्पताल में ना जाएं तो बेहतर है, क्योंकि उन्हें बीमारी होने के बावजूद भी अस्पताल से वापस लौटना पड़ेगा. अस्पताल में केवल कोरोना के मरीजों का इलाज दिल्ली सरकार का अगला आदेश आने तक जारी रहेगा.