नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के घोंडा गुजरान में प्रस्तावित कचरा निस्तारण प्लांट का मामला थमता नहीं दिख रहा है. अब लोग यमुना विहार के निगम स्कूल की जमीन पर बनाये जा रहे कूड़ा रिसाइकल प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. लोगों का आरोप है कि रिहायशी इलाके में बनने वाले इस प्रोजेक्ट से न केवल क्षेत्र में गंदगी फैलेगी बल्कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और आसपास के निवासियों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ेगा. जिसके बाद लोगों ने काली पट्टी पहनकर विरोध जताया और काम को रुकवा दिया.
लोगों ने किया कचरा निस्तारण प्लांट का विरोध स्कूल की जगह कूड़े का रिसाइकल प्लांट की योजना
यमुना विहार के घनी आबादी वाले इलाके में स्थित प्राइमरी स्कूल की जगह कूड़े का रिसाइकल प्लांट बनाने का प्लान है, जिसके बाद से ही लोग लगातार इस प्लांट के निर्माण कार्य का विरोध कर रहे हैं. ईडीएमसी के अफसरों को भी लैटर लिखे गए हैं फिलहाल मामला कोर्ट में पहुंच गया है. आंदोलन करने वालों में ओबीसी कमीशन के पूर्व चेयरमैन भूपेंद्र मावी, शोभा राम, राजेश अग्रवाल, मौ.यामीन, पीएस तोमर, राजपाल शर्मा, आरएस धामा, समेत सैंकड़ों लोग शामिल रहे.
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने लिखा इडीएमसी को पत्र
यमुना विहार रेजिडेंट वेलफेयर एंड कलचरल एसोसिएशन के अध्यक्ष शोभा राम ने बताया कि इस बाबत 4 फरवरी को भी ईडीएमसी कमिश्नर को पत्र लिखा गया था, जिसमे बताया गया था कि स्कूल में शुरू हुई खुदाई को देखकर आता लगा कि यहां कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया जा रहा है.यहां के सभी निवासी इसका विरोध कर रहे हैं.एसोसिएशन ने इसे लेकर दिल्ली कमीशन ऑफ पॉल्यूशन चाइल्ड राइट को भी पत्र लिखा था.
निवासी क्यों कर रहे हैं प्लांट का विरोध
लोगों का कहना है कि इस प्लांट के लिए जो जगह चुनी गई है वह घनी आबादी वाला इलाका है. प्लांट में कूड़े के ट्रक उतरेंगे, कूड़े की छटाई होगी, जिससे यहां मच्छर और गंदगी होगी जिसके बाद इस क्षेत्र की वायु पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगी और यहां के निवासियों का रहना दूभर हो जाएगा.
निगम प्राइमरी स्कूल में नौ सौ से ज्यादा बच्चे
जिस जगह यह कूड़ा निस्तारण प्लांट बनाया जा रहा है उस स्कूल नौ सौ से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं, बच्चों के खेल का मैदान खत्म हो जाएगा, उनकी पढ़ाई और स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा.