नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारा कायम करने के लिए शांति मार्च निकाला गया. मार्च में शामिल सभी लोगों ने हाथों में बैनर पोस्टर लिए हिंदू मुस्लिम एकता से जुड़े नारे लगाए. इस दौरान शांति मार्च के साथ स्थानीय पुलिस भी मौजूद रही.
लोगों ने दिया हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए निकाला मार्च
जाफराबाद और मौजपुर के हिंदू मुसलमानों ने आज के बाद आपसी भाईचारे को बढ़ाने के लिए शांति का संदेश देते हुए का संदेश देते हुए एक शांति मार्च निकाला. मार्च बाबुल उलूम मदरसे से शुरू होकर ज़ीनत महल स्कूल पहुंचकर सम्पन्न हुआ. इस मार्च में दोनों ही समुदाय के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.
लगाए गए हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे
शांति मार्च के दौरान लोगों के हाथ में शांति का संदेश देने के लिए बैनर, स्लोगन मौजूद थे. जिसमें 'इंसानियत को बचाओ', 'हिंदू मुस्लिम एकता जिंदाबाद', 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना और हिंदुस्तान जिंदाबाद' लिखे हुए थे. शांति मार्च की अगुवाई नागरिक सुरक्षा समिति के चेयरमैन डॉ.फहीम बेग, हाजी शफीक, मोहम्मद अबू कमर, हाजी लियाकत इदरीसी, मोहम्मद साबिर, शमसुद्दीन, राजेंद्र कुमार, कमल वर्मा, रंजन कुमार, अनिल शर्मा, डॉ.खुर्शीद, सलीम मलिक, भूपेंद्र, खालिद बाबा समेत बहुत से लोग मौजूद रहे.
इस मौके पर डॉ.फहीम ने कहा कि से उत्तर पूर्वी जिले में जो हिंसा हुई इसमें दोनों ही समुदाय का नुकसान हुआ और देश का भी नुकसान हुआ. पिछले 70 सालों में दिल्ली ने खासतौर से जमुनापार में कभी भी इस तरह का दृश्य नहीं देखा था. मगर जिस प्रकार से भड़काऊ भाषण देकर हिंसा भड़काने की साजिश और हिंदू मुस्लिम को बांटने का प्रयास हुआ. इसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया.
एकता का संदेश
उन्होंने कहा कि आज हम हिंसा फैलाने वालों और देश को तोड़ने वालों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए इकट्ठा हुए हैं और हमें उम्मीद है. हमारे शांति मार्च को देखकर देश के 135 करोड़ भारतवासी समझदारी से काम लेंगे. चंद जाहिल लोगों ने जिस तरह से यमुनापार में आग लगाई है. उस आग को हम सबको साथ लेकर बुझाना होगा. देश को ये बताना है कि हिंसा से किसी का भी कुछ फायदा नहीं होगा. हम गांधी के देश वाले हम गांधी के शांति संदेश को आगे बढ़ाएंगे.