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कोरोना से जंग: यमुना विहार डिपो में हो रहा सैनिटाइजेशन का काम, ड्राइवर हुए परेशान

दिल्ली के यमुना विहार बस डिपो पर ऑटो-रिक्शा और टैक्सी-कैब को कोरोना को लेकर सैनिटाइज किया जा रहा है. ऐसे में वहां स्टाफ की कमी के कारण ऑटो ड्राइवरों को कापी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

auto and taxi sanitization at yamuna vihar bus depo due to corona in delhi
यमुना विहार डिपो में हो रहा सैनिटाइजेशन का काम

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Published : Mar 20, 2020, 7:51 PM IST

नई दिल्ली:एक तरफ देश में कोरोना वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है वहीं दूसरी तरफ इस वायरस को रोकथाम के लिए की व्यवस्था भी आजकल लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. दरअसल दिल्ली सरकार की तरफ से ऑटो रिक्शा और टैक्सी कैब को सैनिटाइज किया जा रहा है.

यमुना विहार डिपो में हो रहा सैनिटाइजेशन का काम

ड्राइवरों की रोजी रोटी पर संकट

ऐसे में वहां मौजूद सीमित कर्मचारी होने की वजह से काम धीमी गति से हो रहा है जिसके कारण खासकर ड्राइवर को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यमुना विहार बस डिपो पर भी ऐसा ही कुछ नजारा है, यहां सुबह से ही ऑटो रिक्शा ड्राइवर सैनिटाइजेशन के लिए लंबी लाइन लगाए हुए हैं, जिसकी वजह से उनकी रोजी रोटी पर संकट छाया हुआ है.

दिल्ली में कोरोना को लेकर बरती जा रही सावधानी

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने कोरोना के खौफ से निपटने के लिए और इसे फैलने से बचाने के लिए सरकारी गैर सरकारी सभी तरह के स्कूल, कॉलेज, कोचिंग इंस्टीट्यूट,शॉपिंग मॉल, सिनेमा घर और काफी सारी भीड़भाड़ वाली मार्केट को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है.

यमुना विहार बस डिपो में लगी ऑटो की लंबी लाइन

सैनिटाइजेशन के लिए बस डिपो निर्धारित किए गए हैं. स्टाफ की कमी से उत्तर पूर्वी जिले के यमुना विहार स्थित बस डिपो में इसका काम भी शुरू हो गया है. इसके लिए सुबह से ही ऑटो रिक्शा की लंबी लाइन लगी हुई है.

स्टाफ की कमी से हो रही परेशानी

स्टाफ की कमी होने के कारण यह प्रक्रिया बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रही है, जिसकी वजह से ऑटो ड्राइवर्स को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कुछ ड्राइवर घंटों भर लाइन में लगने के बाद भी अपनी पर्ची नहीं कटवा पा रहे हैं. इस कारण से उन्हें बाहर निकलने में दिक्कत हो रही है और फिर वह सवारियां नहीं ले पा रहे हैं.

दवाई छिड़काव के नाम पर महज खानापूर्ति

वैसे तो सरकारी स्तर पर इस काम को बेहद गंभीरता से किया जा रहा है, लेकिन सच्चाई जरा इसके विपरीत है. दरअसल डिपो में सैनिटाइजेशन के छिड़काव के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है.क्योंकि वहां ज्यादातर ध्यान इस बात पर दिया जा रहा है कि ऑटो वालों के नंबर आदि नोट करके उन्हें पर्ची दे दी जाए भले ही उसके ऑटो पर दवाई का छिड़काव हुआ हो या न हुआ हो.

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