नई दिल्ली:दिल्ली में नगर निगम (MCD Election 2022) के चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही पार्टियां अपने-अपने लेवल से तैयारियां कर रही हैं. 4 दिसंबर को वोटिंग होनी है और 7 दिसंबर को नतीजे आएंगे. ऐसे में मतदाताओं का मन जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर मतदाताओं का रुख क्या है. इस कड़ी में ईटीवी भारत ने जहांगीरपुरी वार्ड-18 (Jahangirpuri Ward 18 in Ward Scan) में लोगों से बात की और जानने की कोशिश की कि यहां के लोगों की समस्या क्या है और वह एमसीडी चुनाव को लेकर क्या सोच रखते हैं.
दिल्ली में प्रदूषण के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए एंटी डस्ट अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन प्रदूषण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. सर्दियों में दिल्ली में स्मॉग के चलते लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यही नहीं दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल साइट पर भी प्रदूषण के कारण लोगों को बीमारियों का डर बना हुआ है. सांस की बीमारी, आंखों में जलन जैसी परेशानियों के कारण लोग परेशान हैं.
जहांगीरपुरी वार्ड-18 के पास स्थित भलस्वा लैंडफिल साइट लोगों के लिए मूसिबत बना हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के समय नेता वोट मांगने आते हैं और कई-कई वादे भी करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद कोई भी हम लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए नहीं आता. भलस्वा लैंडफिल साइट के कारण हवा जहरीली होती जा रही है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर बहुत ही खतरनाक प्रभाव पड़ रहा है. छोटी सी उम्र से ही बच्चों की आंखों में दिक्कतें हो रही हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती.
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भलस्वा लैंडफिल साइट को कम करना या हटाने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर नगर निगम का है, लेकिन नगर निगम की तरफ से कई बार दावे और वादे तो किए गए, लेकिन वह अभी भी जस के तस बनी हुई है. क्षेत्रफल में इसकी लंबाई और चौड़ाई को जरूर कुछ बढ़ा दिया गया है और ऊंचाई थोड़ी कम हुई है, लेकिन यहां से निकलने वाला प्रदूषण आसपास के कई किलोमीटर तक लोगों को प्रभावित करता है. इस के नजदीक रहने वाले लोग गंदे पानी के रिसाव के चलते कई खतरनाक बीमारियों का शिकार हो चुके हैं.