नई दिल्ली: एडहॉक शिक्षकों को समायोजित करने की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों का प्रदर्शन लगातार जारी है. बुधवार को शिक्षकों ने डीयू के कुलपति प्रो. योगेश त्यागी के कार्यालय के बाहर 'फ्लैश लाइट प्रोटेस्ट' किया.
शिक्षकों का फ्लैश लाइट प्रोटेस्ट इस दौरान डूटा अध्यक्ष आलोक रंजन पांडेय ने कहा कि जब तक एमएचआरडी एडहॉक शिक्षकों को समायोजित करने और पदोन्नति करने की मांग को लेकर कोई आश्वासन नहीं देता यह प्रदर्शन जारी रहेगा.
8 दिनों से शिक्षक कर रहे हैं प्रोटेस्ट
बता दें कि 28 अगस्त को जारी किए गए सर्कुलर को वापस लेने की मांग को लेकर शिक्षकों ने वीसी कार्यालय के बाहर 'फ़्लैश लाइट प्रोटेस्ट' किया. पिछले आठ दिनों से सभी शिक्षक एडहॉक शिक्षकों के समायोजन को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं शिक्षकों की एमएचआरडी के साथ बैठक भी हुई लेकिन शिक्षक संतुष्ट नहीं हुए क्योंकि एमएचआरडी ने समायोजन और पदोन्नति की बात को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया.
एडहॉक शिक्षकों का कार्यकाल रिचार्ज कूपन की तरह
मामले को लेकर डूटा उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडेय ने कहा कि वे छात्रों से कहीं से भी अलग नहीं है. वे हमेशा से छात्रों के लिए थे और आगे भी रहेंगे. लेकिन जब रोजी रोटी को लेकर सिर पर तलवार लटक रही हो तो कोई कबतक संयम बनाए रखें. उन्होंने कहा कि एडहॉक शिक्षकों का कार्यकाल चार महीने के रिचार्ज कूपन की तरह बढ़ाया जाता है और हर बार उन्हें इंटरव्यू देना पड़ता है.
ऐसे में लंबे अरसे से विश्वविद्यालय को अपनी सेवा दे रहे शिक्षकों को सभी योग्यताएं होते हुए भी नौकरी से हटा देना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी बस इतनी मांग है कि जो भी एडहॉक शिक्षक जहां भी काम कर रहे हैं उन्हें वहीं समायोजित कर लिया जाए. साथ ही लंबित पड़ी पदोन्नति भी बहाल की जाए.
MHRD से नहीं मिला कोई आश्वासन
डूटा की एमएचआरडी के साथ इस मामले को लेकर बैठक भी हो चुकी है जिससे शिक्षक संतुष्ट नहीं हुए थे क्योंकि शिक्षकों के समायोजन और पदोन्नति को लेकर मंत्रालय की ओर से कोई आश्वासन नहीं दिया गया. इसलिए प्रदर्शन पर बैठे शिक्षक चाहते हैं कि एडहॉक शिक्षकों को समायोजित किया जाए और पदोन्नति बहाल की जाए.
इस समय दिल्ली विश्वविद्यालय में परीक्षा चल रही है. वहीं शिक्षकों ने इसका बहिष्कार किया है इसके चलते परीक्षा नॉन टीचिंग स्टाफ की सहायता से आयोजित की जा रही है.