नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कंस्ट्रक्शन का काम बंद होने से मजदूर बिल्डर और ठेकेदार सड़कों पर उतर गए हैं. उन्होंने एनजीटी, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए. उनका कहना है कि डेढ़ महीने से काम बंद होने की वजह से घर में खाने तक की दिक्कतें हो रही हैं. दो वक्त की रोटी का भी इंतजाम नहीं हो पा रहा है.
मजदूरों ने लगाए प्रशासन के खिलाफ नारे कंस्ट्रक्शन काम पर लगी है रोक
दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण को लेकर चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है. प्रदूषण के मद्देनजर ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से डेढ़ महीने से किसी भी तरीके के कंस्ट्रक्शन काम पर रोक लगाई गई है. जिसकी वजह से दिहाड़ी मजदूर, ठेकेदार और बिल्डर हर कोई परेशान है.
सड़क पर मजदूरों ने किया प्रदर्शन
डेढ़ महीने से काम ना होने की वजह से मजदूरों का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है और मजदूर अब भूखे रहने की कगार पर आ चुके हैं. घर में छोटे-छोटे बच्चों को खाने के लिए कुछ नहीं बस रहा है. इसलिए मजदूर, ठेकेदार और बिल्डर सड़क पर आने को मजबूर हुए और बुराड़ी इलाके में एकजुट होकर एनजीटी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया.
'निर्माण कार्य से नहीं, टूटी कॉलोनियों से फैलता है प्रदूषण'
प्रदर्शन कर रहे मजदूरों और ठेकेदारों ने एनजीटी मुर्दाबाद, केंद्र सरकार मुर्दाबाद, दिल्ली सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए. ये मजदूर पिछले डेढ़ महीने से काम बंदी की मार झेल रहे हैं. इनका कहना है कि राजधानी दिल्ली में कंस्ट्रक्शन के काम से प्रदूषण नहीं फैलता है, बल्कि कच्ची कॉलोनियों में टूटी हुई सड़कें और रोड के किनारे मिट्टी के ढेर की वजह से प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है.
अपनी मांग को लेकर कोर्ट पहुंचे मजदूर संगठन
मजदूरों की मांग है कि जल्द से जल्द रुके हुए काम से रोक हटा ली जाए. मजदूरों का कहना है कि ऐसा नहीं हुआ, तो मजदूर सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे. कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े हुए लोग एक संगठन बनाकर काम को शुरू करने की मांग को लेकर न्यायालय में जा चुके हैं और देखने वाली बात होगी कि इनकी मांगे कितनी जल्दी मानी जाती है.