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रोहिणी जेल से मिला हथियारों का ऑर्डर, 'भाईजान' को देनी थी डिलीवरी

डीसीपी जॉय टिर्की के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई को सूचना मिली थी कि द्वारका इलाके में हथियारों की बड़ी खेप सप्लाई होनी वाली है.

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Published : Oct 24, 2019, 9:37 PM IST

पुलिस ने हथियारों की बड़ी खेप की सप्लाई का किया खुलासा

नई दिल्ली:दिल्ली-एनसीआर के बदमाशों को हथियार सप्लाई करने वाले तस्कर को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपी उत्तर प्रदेश के कासगंज से हथियार लाकर दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई करता था.

इस गैंग का सरगना दिल्ली के रोहिणी जेल में हत्या के मामले में बंद है. वह जेल में बदमाशों से हथियार का ऑर्डर लेकर उसकी डिलीवरी करवाता था. गिरफ्तार किए गए आरोपी के पास से पुलिस ने 10 पिस्तौल और 40 कारतूस बरामद किए हैं.

तस्कर से बरामद कट्टा

सूचना के आधार पर हुआ खुलासा
डीसीपी जॉय टिर्की के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई युद्धवीर सिंह को सूचना मिली थी कि कासगंज का रहने वाला मोहम्मद सलमान अवैध हथियारों की तस्करी में लिप्त है. वह द्वारका इलाके में हथियारों की बड़ी खेप सप्लाई करने के लिए आएगा. इस जानकारी पर एसीपी मनोज पंत की देखरेख में इंस्पेक्टर पीसी खंडूरी और एसआई दाताराम की टीम ने द्वारका इलाके से मोहम्मद सलमान को पकड़ लिया. तलाशी में उसके पास से 10 पिस्तौल और 40 गोलियां बरामद हुई. इसे लेकर आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है.

मजदूरी छोड़कर बना हथियार तस्कर
मोहम्मद सलमान ने पुलिस को बताया कि वह पहले मजदूरी करता था. उसके खिलाफ पहले से वाहन चोरी के 6 मामले दर्ज हैं. इनमें वह अदालत में पेश नहीं हो रहा था. 6 महीने पहले उसकी मुलाकात उत्तर प्रदेश में दो युवकों से हुई, जो अवैध हथियारों की तस्करी में लिप्त थे. इनमें से एक समर फिलहाल रोहिणी जेल में बंद है. दोनों ने उसे अपने गैंग में शामिल कर लिया. उनके द्वारा बताए गए पते पर वह हथियारों की डिलीवरी करता था.

तस्कर से बरामद हथियार

जेल से ऑर्डर लेकर करते थे डिलीवरी
पहले वह केवल उत्तर प्रदेश में हथियार सप्लाई करते थे. लेकिन इस दौरान समर हत्या के एक मामले में गिरफ्तार होकर रोहिणी जेल पहुंच गया. वहां कई बदमाश उसे हथियारों का ऑर्डर देने लगे. समर अपने मुलाकाती को ऑर्डर एवं डिलीवरी के बारे में बता देता था. फिर वह हथियार की डिलीवरी करवाता था. अभी वह जो खेप लेकर आया था, इसके लिए उसे खरीददार का नाम नहीं बताया गया था. उसे केवल एक मोबाइल नंबर दिया गया था जो उसने भाईजान के नाम से सेव कर रखा था. भाईजान से पूरी बात केवल व्हाट्सएप पर चल रही थी.

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