नई दिल्ली:अतिरिक्त आयुक्त एके सिंगला के अनुसार डीसीपी भीष्म सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर पीसी खंडूरी की टीम गुरुसेवक उर्फ बबला पर नजर रख रही थी जो पटियाला हाउस अदालत से 2 मामलों में बेल लेकर फरार चल रहा था. इस दौरान उन्हें पता चला कि वह अदालत के समक्ष पेश नहीं हो रहा है. और अदालत ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया हुआ है. पुलिस टीम ने जब टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली तो पता चला की गुरसेवक तिहाड़ जेल में बंद कुछ संदिग्ध आतंकियों के संपर्क में है. 12 मार्च को गुप्त सूचना पर क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे बस अड्डे के पास से गिरफ्तार कर लिया.
1982 में थामा था भिंडरवाला का साथी
पूछताछ में गुरूसेवक ने पुलिस को बताया कि वह लुधियाना का रहने वाला है. उसका बड़ा भाई स्वर्ण सिंह भिंडरवाला जरनैल सिंह के आतंकी संगठन में शामिल हुआ था. वह भी इसका सदस्य 1982 में बन गया था. वर्ष 1984 में जरनैल सिंह की ऑपरेशन ब्लू स्टार में मौत हो गई. इसके बाद उसने खालिस्तान कमांडो फोर्स बनाई और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गया. इस दौरान उसने दर्जनों हत्याओं को अंजाम दिया. बैंकों में डकैती डाली. वर्ष 1984 में गुरूसेवक सिंह अपने अन्य साथियों लाभ सिंह, गुरिंदर सिंह और स्वर्ण जीत सिंह के साथ मिलकर हिंद समाचार के संपादक रमेश चंद्र की जालंधर में हत्या कर दी थी. वर्ष 1984 के अंत में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. वर्ष 1985 में वह पुलिस हिरासत से भाग गया था.