नई दिल्लीःभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली सरकार पर दिल्ली जल बोर्ड को आर्थिक बदहाली में धकेलने का आरोप लगाया. दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि गत 8 साल में अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को आर्थिक बर्बादी में धकेल दिया है. इस संस्थान ने 2014-15 में 700 करोड़ के वार्षिक लाभ में था. आज दिल्ली बोर्ड पर 71,000 करोड़ रुपए का कर्ज है. दिल्लीवाले आज भी पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. झुग्गी बस्ती से लेकर पॉश कॉलोनियों तक दिल्ली जल बोर्ड से लोगों को काला गंदा पानी आने की शिकायतें मिल रही है. अधिकृत कॉलोनी हों, झुग्गी बस्ती हों या स्लम बस्ती सभी जगह नई पानी सप्लाई की पाइपलाइन डालने का काम ठप्प है. इसी तरह गत 8 साल में यमुना सफाई पर केजरीवाल सरकार ने 6800 करोड़ रुपए की बंदरबांट की है. इसके बावजूद यमुना पहले से अधिक मैली हो गई है.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि लाभ में चलने वाला दिल्ली जल बोर्ड आज 71000 करोड़ के कर्ज में और दिल्ली सरकार इस वित्त वर्ष 2023-24 का पूरा बजट भी झोंक दे तो भी इसे लाभ में नहीं लाया जा सकता. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल सरकार अक्सर यमुना जल में आमोनिया की मात्रा बढ़ जाने के नाम पर कटौती करती है और इसका दोष हरियाणा पर डालने की कोशिश करती है. जबकि, खुद दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी कहती है कि दिल्ली हरियाणा बार्डर स्थित पल्ला गांव में जब यमुना दिल्ली में घुसती है तो उसका जल लगभग निर्मल होता है.
उन्होंने कहा कि यह खेद पूर्ण है कि विशेषज्ञों के अनुसार यमुना अपनी कुल यात्रा लगभग 1400 किलोमीटर की यात्रा में से केवल 34 किलोमीटर दिल्ली में बहती है, पर यमुना के कुल प्रदूषण का लगभग 75 प्रतिशत दिल्ली से जुड़ता है. सचदेवा ने कहा कि यह जांच का विषय है कि 8 साल की सत्ता के बावजूद केजरीवाल सरकार आखिर क्यों यमुना में आवश्यक 6 आमोनिया ट्रीटमेंट प्लांट और लगभग 22 आवश्यक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा पाई.