नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा इन दिनों एक ऐसे मामले की जांच कर रही है, जिसमें जेल के भीतर बैठे शख्स ने कारोबारी की पत्नी से 200 करोड़ रुपये ठग लिए. इस ठगी में न केवल बाहर मौजूद उसके दोस्तों ने साथ दिया बल्कि जेल के अधिकारियों की भी मिलीभगत रही. यह शातिर ठग सुकेश चंद्रशेखर है जिसे चुनाव आयोग से पार्टी का निशान दिलवाने के नाम पर हुई जालसाजी में गिरफ्तार किया गया था. जेल में उसके पास से दो स्मार्ट फोन भी बरामद हुए थे.
जेल से हुई कारोबारी की पत्नी से 200 करोड़ रुपये की ठगी जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध शाखा ने रैनबैक्सी, फोर्टिस और रिलीगेयर एंटरप्राइजेज के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह और उसके भाई मालविंदर मोहन सिंह को अक्टूबर 2019 में गिरफ्तार किया था. उन पर कंपनी को अरबों रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप है. इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने भी उन्हें दिसंबर 2019 में गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस सूत्रों के अनुसार शिवेंद्र की पत्नी अदिति सिंह को पिछले कुछ महीने में गृह मंत्रालय एवं प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बनकर एक शख्स की तरफ से कई कॉल आई. उसने अदिति सिंह को बताया कि वह उसके पति को बाहर निकलवा देगा. इसके लिए उसने अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपये ले लिए. इसके बाद जब अदिति को शक हुआ तो उन्होंने पूरे मामले को लेकर उसने प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी से शिकायत की. अधिकारी ने इस मामले से पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना को अवगत कराया. उन्होंने मामले की जांच स्पेशल सेल को दी. स्पेशल सेल की टीम ने छानबीन की तो पता चला कि यह कॉल रोहिणी जेल से आ रही है. जेल में छापा मारा गया तो मोबाइल शातिर ठग सुकेश चंद्रशेखर के पास से बरामद हुआ. सुकेश के पास से दो स्मार्ट मोबाइल बरामद हुए. उसकी निशानदेही पर दो भाइयों को गिरफ्तार किया गया जो उसके इशारे पर जाकर रुपए एकत्रित करते थे. इस मामले की जांच पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना द्वारा आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई है. आर्थिक अपराध शाखा में डीसीपी मोहम्मद अली की देखरेख में एक एसआईटी बनाई गई है जो पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. सुकेश ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उसने जेल अधिकारियों को काफी पैसे दिए हैं. पुलिस टीम ने इसे लेकर एक डिप्टी सुपरिटेंडेंट और एक असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था. उन्हें पूछताछ के बाद मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. सूत्रों के अनुसार पुलिस इन रुपयों को बरामद करने के लिए बड़े स्तर पर छापेमारी कर रही है. इस जालसाजी का मास्टरमाइंड सुकेश बेहद ही शातिर ठग है. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के देहांत के बाद जब पार्टी के निशान को लेकर विवाद हुआ तो सुकेश का नाम सुर्खियों में आया था. उसने 50 करोड़ रुपये में चुनाव आयोग से पार्टी का निशान दिलाने की बात कही थी. उसे दिल्ली के एक पांच सितारा होटल से गिरफ्तार किया गया था. जेल से उसने सुप्रीम कोर्ट का जज बनकर तीस हजारी कोर्ट की जज को काल कर दिया था. उसने सुकेश को जमानत देने की सिफारिश की थी, लेकिन उसका फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था. जेल में कई बार उसके पास मोबाइल बरामद हुए हैं. वह बेहद शातिर है और अपनी बातों से किसी को भी प्रभावित करने में माहिर है.