नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार जारी है जिसके चलते पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. साथ ही सरकार की ओर से हिदायत है कि किसी के वेतनमान में कोई कटौती न की जाए लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के अंतर्गत आने वाले कुछ कॉलेजों के ऐसे भी शिक्षक और कर्मचारी हैं जिन्हें लगभग तीन महीने से वेतन ही नहीं मिला है और इस संकट की घड़ी में बिना वेतन के परिवार चलाना उनके सामने एक गंभीर समस्या बनकर खड़ा हो गया है.
DU कॉलेजों के शिक्षक और कर्मचारी 3 महीने से नहीं मिली सैलरी इसी को देखते हुए नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर फेडरेशन (NDTF) ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कॉलेज के वित्तीय संकट के बारे में बताया और जल्द से जल्द उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग भी की.
12 कॉलेजों के शिक्षकों और स्टाफ को नहीं मिली सैलरी
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 12 कॉलेज ऐसे हैं जो दिल्ली सरकार से सौ फीसदी वित्त पोषित हैं, लेकिन इन कॉलेजों में फंड जारी न किए जाने के चलते यहां काम कर रहे शिक्षकों और कर्मचारियों को पिछले लगभग तीन महीने से वेतन नहीं दिया जा सका है.
उपराज्यपाल को लिखा पत्र
इस समस्या को लेकर एनडीटीएफ ने गवर्निंग बॉडी और दिल्ली के उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा है कि सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता न मिलने के चलते कॉलेज आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. आलम यह है कि कॉलेज अपने कर्मचारियों को वेतन तक देने में असमर्थ है.
31 मार्च बंद शैक्षणिक संस्थान
वहीं एनडीटीएफ के अध्यक्ष डॉ. राकेश पांडे ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थान 31 मार्च तक बंद हैं. वहीं डीयू के 12 कॉलेज सरकार की ओर से फंड न मिलने के चलते वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं.
ऐसे में कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली और बिना वेतन के बगैर कैसे चलाएंगे यह अपने आप में बहुत बड़ा प्रश्न है. इसलिए उनकी दिल्ली सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द इन कॉलेजों को फंड जारी किया जाए जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों के बकाया वेतन का तत्काल रुप से भुगतान किया जा सके. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इन कॉलेजों पर इस तरह का कोई वित्तीय संकट आए.
शिक्षा मंत्री के आवास तक लगाई गई गुहार
बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर कई बार प्रदर्शन और पत्र लिख चुका है. लेकिन मामला जस का तस है अब देखने वाली बात है कि जब देश में संकट की घड़ी है क्या ऐसे में सरकार की ओर से इन कॉलेजों को फंड जारी कर इन कॉलेजों में कार्य करने वाले लोगों को राहत मिलती है या नहीं.