नई दिल्ली:पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के तमाम दावे धुएं में ही हवा होते नजर आ रहे हैं. हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश तीनों ही राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद देश के छह राज्यों में पराली जलाने की सेटेलाइट से निगरानी करता है. 15 से 30 सितंबर की बात करें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 322 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई है.
खेतों में जलाई जाने वाली पराली से उठने वाला धुआं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दम घोंटता रहा है. पराली को जलाने से रोकने के लिए किए गए तमाम उपाय अभी तक नाकाफी साबित हुए हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) की रियल टाइम मानिटरिंग के मुताबिक अभी तक सर्वाधिक 214 मामले पंजाब में रिकार्ड हुए हैं. 75 मामलों के साथ हरियाणा दूसरे जबकि 33 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है. पराली जलाने के मामलों में इस माह और ज्यादा तेजी आने के आसार हैं.
सरकार परली खरीदे तभी होगा समाधान:दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर व पर्यावरणविद डॉ. जितेंद्र नगर का कहना है कि पराली जलाने पर अंकुश लगाने में फेल है. किसानों को खेत मे पराली जलाना सस्ता पड़ता है, पराली जलाने में कुछ प्रतिशत की कमी जरूरी आई है लेकिन पूर्ण प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है,.सरकार पराली खरीदे और एनटीपीसी को दे दे तभी रोक लग पाएगी. हवा के जरिए परली का धुआं दिल्ली एनसीआर में पहुंच रहा है. जिससे यहां की आबोहवा खराब हो रही है.
इस साल 15 से 30 सितंबर तक जलाई गई पराली
राज्य | सितंबर तक जलाई गई पराली |
पंजाब | 214 |
हरियाणा | 75 |
उत्तर प्रदेश | 33 |