नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की सत्ता में लगातार तीसरी बार आम आदमी पार्टी की सरकार काबिज हुई. जिसके बाद AAP सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले साल में अस्थाई पदों को स्थाई करने के संबंध में प्रक्रिया शुरू की है.
कर्मचारियों को स्थाई करने की तैयारी. कितने स्थाई कर्मचारियों की है जरूरतदिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने प्रधान सचिवों और सचिवों को इससे संबंधित सर्कुलर जारी किया है. वित्त विभाग ने उनसे इस बारे में अपने-अपने विभागों से प्रस्ताव पेश करने को कहा है. इस बाबत दिल्ली सरकार ने अलग-अलग विभागों से जानकारी मांगी है. दिल्ली सरकार ने अपने विभागों से जो विवरण मांगा है. उसमें नामावली अस्थाई पदों की संख्या, किस उद्देश्य से उन्हें सृजित किया गया था. कितने पदों को स्थाई किया जा सकता है? ऐसी जानकारियां सचिवों से मांगी हैं.
तीन साल से सृजित पदों पर लिया जाएगा निर्णय
दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के संयुक्त सचिव (लेखा) एल डी जोशी की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक जो अस्थाई पद कम से कम 3 सालों से हैं, उन्हें स्थाई करने पर विचार किया जाएगा. सर्कुलर में कहा गया है कि सभी विभागों से गुजारिश है कि वे वित्त विभाग में इस आशय का प्रस्ताव पेश करें कि अस्थाई पदों को बचाने के लिए क्या सक्षम प्राधिकरण से मंजूरी ली गई थी? उसके बाद क्या उन्हें बहाल करने की जरूरत है?
80 अस्थाई कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
साल 2019-20 तक अस्थाई पदों को जारी रखने या विस्तारित करने के बारे में पदों के सृजन के लिए सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी और बाद में इसे लेकर वित्त विभाग की मंजूरी का ब्यौरा मूल फाइलों के साथ देने को कहा गया है. दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई इस प्रक्रिया से अलग-अलग विभागों में करीब 80 अस्थाई कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता है.