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रावण के शिव मंदिर में विराजेंगे मां सीता और लक्ष्मण के साथ प्रभुराम, 22 जनवरी को होगा भव्य आयोजन

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 17, 2024, 4:24 PM IST

statue of Rama in Ravan Shiv temple: ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में रावण के शिव मंदिर में 22 जनवरी को भव्य आयोजन होने जा रहा है. यहां भगवान शिव के उस मंदिर में रामजी की मूर्ति स्थापित की गई है जहां रावण अपने अराध्य भगवान शिव की पूजा करता था.

रावण के शिव मंदिर में विराजेंगे प्रभुराम
रावण के शिव मंदिर में विराजेंगे प्रभुराम

रावण के शिव मंदिर में विराजेंगे प्रभुराम

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा:22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. वहीं, ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में स्थापित रावण के शिव मंदिर में रामलला और जानकी की मूर्ति की स्थापना की जाएगी. यह जानकारी मंदिर के महंत रामदास ने ETV भारत से बातचीत में दी है. महंत ने बताया कि 22 जनवरी को श्रीराम की मूर्ति की स्थापना के साथ ही बड़े स्तर पर भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा.

रावण के शिव मंदिर में विराजेंगे प्रभुराम

उन्होंने कहा कि जिस मंदिर पर रावण भगवान शिव की पूजा करता था. उस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए हमने शासन और प्रशासन से लेकर सभी बड़े नेताओं के यहां अर्जियां लगाई, पर आज तक किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. अब इस मंदिर में हम वह सब नया करेंगे, जो धर्म और आस्था के साथ उचित होगा. अगर अयोध्या में श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है तो हम भी इस शिव मंदिर में श्रीराम की मूर्ति स्थापित करेंगे. यह वही मंदिर है जहां शिव की पूजा रावण किया करता था और यह बिसरख गांव रावण के पिताजी के नाम पर रखा गया है.

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महंत रामदास ने बताया कि रामलला की मूर्ति रावण के पिता विश्रवा के बगल में लगाई जाएगी. इस मंदिर में इससे पूर्व अन्य किसी भी देवी देवता की मूर्ति स्थापित नहीं है. सिर्फ शिवलिंग स्थापित है, जिसकी रावण पूजा किया करता था. वहीं अन्य जो मूर्तियां स्थापित हैं, वह रावण के परिवार से जुड़ी हुई है. मंदिर में रावण की कोई मूर्ति कहीं पर स्थापित नहीं है.

उन्होंने बताया कि इस वर्ष जहां रामलला की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. वहीं बगल में दशहरे के समय पर रावण की मूर्ति भी स्थापित की जाएगी. क्योंकि मंदिर में आज तक रावण की मूर्ति कहीं पर भी स्थापित नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि यह मंदिर भले ही शिव मंदिर है, पर यह रावण के मंदिर के नाम से मशहूर है और मंदिर में जब यहां श्रीराम की मूर्ति स्थापित हो जाएगी तब रावण की मूर्ति स्थापित करना और जरूरी हो जाता है.

उन्होंने कहा कि रावण भले ही राक्षस प्रवृत्ति का था, पर रावण एक महान ज्ञानी भी था और रावण के महान ज्ञानी होने का शास्त्रों में प्रमाण भी है. रावण के शिव मंदिर के महंत रामदास का कहना है कि जिस तरह से अयोध्या में एक भव्य तरीके से रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है. इस तरह हम अपने श्रद्धा भाव से इस मंदिर में राम सीता और लक्ष्मण की एक साथ मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं.

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