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दिल्ली में एनकाउंटर का दौर जारी, स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के साथ ही जिलों की पुलिस भी जुटी

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से एनकाउंटर का दौर जारी है. स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के साथ ही स्थानीय पुलिस भी एनकाउंटर कर रही है. दिल्ली पुलिस ने एनकाउंटर को लेकर कोई विशेष आंकड़े तो जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन इस साल राजधानी दिल्ली में अब तक 50 से ज्यादा एनकाउंटर हो चुके हैं.

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दिल्ली में जारी है एनकाउंटर का दौर

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Published : Jul 25, 2021, 4:49 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से एनकाउंटर का दौर जारी है. आमतौर पर पहले स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की टीम एनकाउंटर करती थी, लेकिन अब जिलों की पुलिस भी एनकाउंटर कर रही है. पहले पुलिस के निशाने पर गैंगस्टर होते थे, लेकिन अब लुटेरे और डकैत निशाने पर है.

दिल्ली पुलिस ने एनकाउंटर को लेकर कोई विशेष आंकड़े तो जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन इस साल राजधानी दिल्ली में अब तक 50 से ज्यादा एनकाउंटर हो चुके हैं. दिल्ली पुलिस की एलिट यूनिट स्पेशल सेल ने जुलाई महीने में करीब 12 एनकाउंटर किए हैं. इन एनकाउंटर की खास बात यह है कि स्पेशल सेल के निशाने पर ज्यादातर लुटेरे और डकैत हैं.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन बदमाशों ने सरेंडर करने के बजाय पुलिस पर पहले गोली चलाई, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा. दिल्ली पुलिस से प्राप्त आंकड़ों की मानें तो 16 जुलाई तक दिल्ली पुलिस ने 54 से ज्यादा ऐसे बदमाशों को पकड़ा था, जिनके ऊपर सेल्फ डिफेंस में गोली चलानी पड़ी, क्योंकि इन्होंने पहले पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की थी.

दिल्ली में जारी है एनकाउंटर का दौर

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पुलिस अधिकारी बताते हैं कि ज्यादातर एनकाउंटर देर रात से लेकर सुबह में किए जाते हैंं, जिससे आम लोगों को कोई खतरा ना हो. मई और जून के महीने में लगे लॉकडाउन के कारण एनकाउंटर के मामले में भी कमी आई थी, क्योंकि इस समय पुलिस का पूरा ध्यान ऑक्सीजन की आपूर्ति और दवाइयों की कालाबाजारी रोकने पर था. अकेले अप्रैल महीने में 25 से ज्यादा एनकाउंटर दर्ज हुए थे, जबकि जुलाई महीने में अब तक 15 से ज्यादा एनकाउंटर हो चुके हैं.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब एनकाउंटर को दिल्ली पुलिस बहुत गंभीरता से लेती है. खासकर बटला हाउस एनकाउंटर के बाद पहले पुलिस पूरी तैयारी करती है और फिर एनकाउंटर किया जाता है. पुलिस हर एक छापेमारी करने से पहले यह समझ कर जाती है कि सामने वाले के पास भारी मात्रा में हथियार मौजूद है. इसलिए पुलिस उसी हिसाब से तैयारी करती है.

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पुलिस अधिकारियों के मुताबिक हर रेड के दौरान बुलेट प्रूफ जैकेट पहनना मुश्किल होता है, लेकिन सामान्य तौर पर पुलिस बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर ही रेड करती है. पुलिस शुरू में हमेशा बदमाशों का पीछा करती है और उन्हें दबोचने के लिए सुनसान जगह का चुनाव किया जाता है, जिससे आम लोगों को कोई परेशानी ना हो. कई बार सुनसान जगह पर पुलिस एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाए जाते है, वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसा आम लोगों को किसी नुकसान से बचाने के लिए किया जाता है.

बता दें कि कुछ समय पहले स्पेशल सेल ने एक भीड़भाड़ वाले बाजार में भी एनकाउंटर किया था, क्योंकि पुलिस के पास इतना समय नहीं था कि वह बदमाश का पीछा करके उसे पकड़ सके. ठीक इसी तरह पुलिस ने एक बदमाश का रोहिणी से द्वारका तक पीछा किया था, क्योंकि उसे पकड़ने के लिए सही जगह नहीं मिल रही थी.

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