नई दिल्ली:कोरोना से बचे रहना वर्तमान समय में एक बड़ी उपलब्धि की तरह है. लेकिन मजनूं टीला स्थित पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की बस्ती में कोरोना से बचे रहने के बावजूद लोग काफी परेशान हैं. इनकी इस परेशानी का कारण है मच्छरों का आतंक. यमुना नदी के किनारे की इस बस्ती में यूं तो हमेशा ही मच्छरों से परेशानी होती है, लेकिन इन दिनों यह परेशानी इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि बिजली का कनेक्शन काटा जा चुका है.
'ठप्प है कारोबार, दो समय के खाने का संकट'
इस बस्ती के ज्यादातर लोग बस्ती के सामने ही मुख्य सड़क पर ठेला लगाकर कुछ सामान बेचते हैं और इसके जरिए इनकी रोजी रोटी चलती है. लेकिन दिल्ली में जारी लॉकडाउन के कारण इनके ठेले भी नहीं लग पा रहे. मीरा ने अपने बेटे का ठेला दिखाते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण यह करीब 1 महीने से घर में ही बंद है. सरकार की तरफ से भी एक दो बार ही राशन मिली है, किसी तरह से दो समय के खाने का इंतजाम कर पा रहे हैं.
गर्मी और मच्छरों से परेशान है 'नागरिकता'
आपको बता दें कि मीरा और उनके बेटे बहू ने ही नागरिकता कानून में संशोधन के समय इनके घर पैदा हुई बच्ची का नाम 'नागरिकता' रखा था. 'नागरिकता' भी हमें मीरा की गोद में खेलती दिखी. लेकिन उदास शब्दों में मीरा ने कहा कि उस समय प्रधानमंत्री की घोषणा से लगा था कि हमें भी नागरिकता मिल जाएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. आज हाल यह है कि 'नागरिकता' बिना बिजली के गर्मी और मच्छरों से परेशान होने को मजबूर है.
'कोरोना से बच जाएंगे, मच्छरों से बचना मुश्किल'
मीरा ने प्रधानमंत्री से अपील की कि 'नागरिकता' की इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए हमारे लिए कुछ करें. कुछ ऐसी ही अपील सीताराम और उनकी मां लक्ष्मी ने भी की. सीताराम ने कहा कि कोरोना से तो बचे हुए हैं और बच भी जाएंगे, लेकिन मच्छरों से बचना मुश्किल है. हाथ जोड़ते हुए लक्ष्मी ने कहा कि हमें अब तक कुछ नहीं मिला, लेकिन अभी सरकार से हमारी अपील है कि टेम्पररी ही सही, बिजली का कनेक्शन लगवा दें.