नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक बिल्डर ने फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की. बिल्डर ने नोएडा प्राधिकरण में हाईकोर्ट का फर्जी आदेश दिखाकर 26.8 करोड़ रुपये का घोटाला करने की कोशिश कर रहा था. जब अथॉरिटी ने हाईकोर्ट के आदेश के बारे में पता किया तो आदेश फर्जी निकला.
अथॉरिटी को थमाया फर्जी हाईकोर्ट का आदेश, फर्जीवाड़ा करने की साजिश नाकाम जिसके बाद नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है. धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.
बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज
नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 16 के सी-1 प्लॉट को 'मैसर्स सिटी इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड' को कमर्शियल गतिविधि के लिए दिया था. कमर्शियल भूखंड के ब्याज और लीज रेंट के लिए कंपनी पर 26 करोड़ 80 लाख 92 हजार रुपए बकाया है.
कंपनी के निदेशक सुशांत कुमार अग्रवाल ने 20 जुलाई को नोएडा प्राधिकरण में हाईकोर्ट के एक आदेश की कॉपी दी थी. जिसमें14 मार्च 2019 को प्राधिकरण को ब्याज और जुर्माने की राशि वसूलने का निर्देश दिया गया था.
जिस पर प्राधिकरण ने अपने नामित अधिवक्ता से पता किया तो पता चला कि इस प्रकार का कोई भी आदेश नहीं निकला हैं. ऐसे में अथॉरिटी की CEO रितु माहेश्वरी ने कार्रवाई करते हुए बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.