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इस मंदिर के नाम से जुड़ा है रावण का नाम, जानिए इसके पीछे की कहानी

Ram Mandir: नोएडा के बिसरख में स्थापित रावण मंदिर किसी परिचय का मोहताज नहीं है, क्योंकि रावण का जिक्र रामायण में किया गया है. मंदिर के महंत रामदास का कहना है कि आज रावण के मंदिर की तरफ सिर्फ इसलिए ध्यान नहीं दिया जा रहा, क्योंकि यहां से बीजेपी को कोई लाभ नहीं है.

रावण मंदिर का होना चाहिए जीर्णोद्धार
रावण मंदिर का होना चाहिए जीर्णोद्धार

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 3, 2024, 6:06 PM IST

Updated : Jan 5, 2024, 2:20 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा:महाकाव्य रामायण में जिस तरह से रामचंद्र जी के चरित्र का चित्रण किया गया है, उस तरह से रामायण में महान ज्ञानी लंकापति रावण के संबंध में भी लिखा गया है. रावण लंका का राजा था. मान्यता है कि उसकी जन्मस्थली गौतम बुद्ध नगर जनपद के ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में है, जहां वह शिव की पूजा करता था. आज वह प्राचीन शिव मंदिर जर्जर हालत में है.

वहीं, दूसरी तरफ रामायण में राम जन्मभूमि का जिक्र है, जहां आगामी 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या जनपद में राम मंदिर में श्रीराम की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा. इसमें तमाम तरह के शिल्पकार मूर्तियों को आकार देने में लगे हैं. लेकिन रावण के जन्मस्थली और रावण के मंदिर के नाम से मशहूर बिसरख गांव में स्थापित मंदिर आज जर्जर हाल में है.

मंदिर के महंत रामदास के द्वारा प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के साथ ही मुख्यमंत्री और स्थानीय सांसद, विधायक को सैकड़ों पत्र लिखकर मंदिर की बदहाली के संबंध में अवगत कराया गया है. पर आज तक किसी ने इस मंदिर की तरफ झांकने की जहमत नहीं उठाई. यहां तक की मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री भी नोएडा आए पर इस मंदिर का आज तक कभी किसी ने जिक्र नहीं किया. मंदिर के महंत ने कहा कि सरकार, शासन और प्रशासन से मेरी मांग है कि रावण के इस मंदिर को किसी मंदिर से संबंध कर दिया जाए, खासकर अयोध्या, गोरखपुर, मथुरा, काशी या प्रयागराज से.

बता दें, बिसरख गांव में आज तक कभी दशहरा नहीं मनाया गया. 9 दिन के नवरात्र और दशहरे के दिन इस गांव में शोक मनाया जाता है. जबकि हर तरफ बुराई पर अच्छाई की जीत बताते हुए रावण दहन किया जाता है, पर यहां आज तक कभी रावण दहन नहीं किया गया.

जर्जर हाल में मंदिर: मंदिर के महंत रामदास का कहना है कि आज भारतीय जनता पार्टी रावण के मंदिर की तरफ सिर्फ इसलिए ध्यान नहीं दे रही क्योंकि यहां से उन्हें कोई लाभ नहीं है. अयोध्या, मथुरा, काशी से उन्हें राजस्व प्राप्त होगा, इसलिए उन जगहों पर ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिसके पुष्पक विमान से रामचंद्र जी अयोध्या पहुंचे थे, आज उस रावण को इन लोगों द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है. यहां गौशाला से गाय चोरी हो रही है और यहां गायों की दुर्दशा हो रही है, जबकि तमाम जगहों पर प्रदेश सरकार द्वारा गायों के रख-रखाव के लिए गौशाला खोली जा रही है.

Last Updated : Jan 5, 2024, 2:20 PM IST

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