नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी जारी है. शुक्रवार को दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने LG विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर उनसे अधिकारियों के तबादले संबंधी प्रस्तावों को जल्द से जल्द मंजूरी देने की अपील की है. सूचना है कि आज शाम में सरकार के सभी मंत्री LG हाउस जाएंगे और उनसे सवाल करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने में दिक्कत क्या है?
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार में सर्विसेज को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे को हटाने तथा सतर्कता विभाग के विशेष सचिव वाई वी राजशेखर के तबादले को लेकर दिल्ली सरकार ने एलजी को भेज गए प्रस्ताव पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. पत्र में भारद्वाज ने फिर दोहराया है कि सर्विसेस (अधिकारियों के तबादले व पोस्टिंग) के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उपराज्यपाल सरकार के फैसले को मानने के लिए बाध्य हैं, इसलिए उन्हें जल्दी इन प्रस्तावों को मंजूरी दे देनी चाहिए.
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11 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद ही सेवा विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आईएएस अधिकारी आशीष मोरे को सेवा विभाग के सचिव पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया था. लेकिन आशीष अप्रत्याशित रूप से अपने दफ्तर से चले गए और अपना फोन बंद कर दिया था. दो दिन बाद मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जब उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया तो वह दिल्ली सचिवालय पहुंचे. सौरभ भारद्वाज ने आशीष मोरे की जगह आईएएस अधिकारी एके सिंह को नियुक्त किया था लेकिन अभी तक यह दोनों आदेश लागू नहीं हुए हैं. यह प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास विचाराधीन है.
बता दें कि गुरुवार को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार को हटाने और उनकी जगह वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पीके गुप्ता को मुख्य सचिव बनाने की मांग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से की है. वहीं दिन में मुख्य सचिव नरेश कुमार ने सभी विभाग के सचिवों को आदेश जारी किया है कि वह बिना मंत्री के संज्ञान आदेश के बगैर कोई भी योजना, प्रस्ताव को अमल में नहीं लाएंगे.
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