नई दिल्ली:दिल्ली एनसीआर में अपराधियों ने सोशल मीडिया को नया हथियार बना लिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए वह जानकारियां हासिल करते हैं और इनके आधार पर घटनाओं को अंजाम देते हैं. हाल में गुरुग्राम के कारोबारी से 80 लाख रुपए ठगे जाने का मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस की शिकायत के बाद कोर्ट ने यूट्यूबर दंपती को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली एनसीआर के अंदर यह कोई पहला मामला नहीं है जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए किसी कारोबारी और व्यवसायी को निशाना बनाया गया है. इससे पहले भी बड़े अधिकारियों, कारोबारियों और युवाओं को निशाना बनाने की घटना सामने आई है.
केस- 1
बसंतकुंज के रहने वाले 40 वर्षीय कारोबारी ने इंस्टाग्राम पर एक अनजान प्रोफाइल से संपर्क किया. प्रोफाइल इस्तेमाल कर रहे अपराधियों ने खुद को महिला के तौर पर दिखाया और पीड़ित कारोबारी का अश्लील वीडियो रिकॉर्ड कर लिया. अश्लील वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद आरोपियों ने पीड़ित से चार लाख रुपए वसूल लिए. इसके बाद भी आरोपी लगातार पीड़ित पर और रकम दिए जाने का दबाव बना रहे थे. जिस पर पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की पुलिस ने मामले में आरोपी युवकों को गिरफ्तार कर लिया.
केस- 2
दिल्ली नगर निगम में एक बड़ी पोस्ट पर तैनात आईएएस अधिकारी के किशोर बेटे ने डेटिंग ऐप के जरिए नोएडा के रहने वाले एक युवक से दोस्ती की. दोस्ती के दौरान किशोर लड़की के घर चला गया. जहां पहले से मौजूद चार अन्य युवकों ने पहले तो किशोर के साथ बलात्कार किया. उसके बाद करीब तीन लाख रुपए की वसूली की.
आरोपी किशोर पर और भी ज्यादा रकम देने का दबाव बना रहे थे. उसको लगातार परेशान देखकर परिवार वालों ने इसकी जानकारी ली तो घटना सामने आई. इसके बाद नोएडा पुलिस ने चारों युवकों को गिरफ्तार कर लिया.
केस- 3
पुल प्रह्लादपुर में रहने वाला एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर फेसबुक के जरिए युवती के संपर्क में आए. वीडियो कॉलिंग और बातचीत के दौरान युवती ने युवक कीअश्लील वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और वायरल करने की धमकी देकर रुपए मांगने लगी. इसके बाद पीड़ित ने पुल प्रह्लादपुर थाने में मामले की शिकायत दी.
दिल्ली पुलिस लगातार कर रही जागरुकता का प्रयास
पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने बताया कि जागरुकता एक सतत प्रक्रिया है. ऐसे में साइबर जागरुकता दिवस को 1 साल के लिए बढ़ाया गया है. अब 2022 से लेकर 2023 तक साइबर जागरुकता दिवस प्रत्येक माह को मनाया जाएगा. साइबर उदय 2.0 को तीन चरणों में बांटा गया है. इसके पहले चरण में 4 माह के अंदर 26000 बच्चों को साइबर अपराधों से जागरुकता अभियान में शामिल किया जाएगा. बच्चों को साइबर बुलिंग, सेक्सटॉर्शन, बैंकिंग फ्रॉड समेत कई अन्य अपराध के बारे में सचेत किया जाएगा.
क्या करें:
साइबर अपराधों को लेकर स्थानीय पुलिस और अन्य एजेंसियां लगातार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही हैं. साइबर एक्सपर्ट हिमांशु मिश्रा बताते हैं कि जब भी आप को यह लगे कि आप किसी साइबर अपराध का शिकार होने वाले हैं तो सबसे पहले बिना डरे स्थानीय पुलिस को उसकी सूचना दें. साथ ही प्रयास करें कि अपनी निजी जानकारियां अनजान व्यक्तियों को ना दें. सेक्सटॉर्शन का शिकार होने पर आरोपियों की मांगें माने जाने पर आप अधिक मुसीबत में फंस सकते हैं, इसलिए धमकियों पर बिना ध्यान दिया अपने परिवार और पुलिस को इसकी सूचना जरूर दें.
क्या न करें:-
- सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती से पहले अपने स्तर पर भी जांच पड़ताल करें.
- किसी भी अनजान व्यक्ति से अपनी निजी जान के घर का पता साझा ना करें.
- कभी भी मुलाकात के लिए किसी सार्वजनिक स्थल का ही चयन करें.
- जब तक मिलने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी आपको ना मिले तब तक किसी भी निजी स्थान पर मिलने के लिए ना जाएं.
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