नई दिल्ली/गुवाहाटीःगुवाहाटी उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) द्वारा दायर मामले को रद्द करने की मांग की थी. साथ ही कोर्ट ने सिसोदिया को 19 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का भी आदेश दिया है. बता दें, सिसोदिया के खिलाफ असम के सीएम ने कामरूप जिले के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस दर्ज कराया था.
असम के महाधिवक्ता देवजीत लोन सैकिया ने बताया कि असम के सीएम ने सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था. क्योंकि सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि असम सरकार ने सीएम सरमा की पत्नी की फर्म को 2020 में बाजार दरों से ऊपर पीपीई किट की आपूर्ति करने का ठेका दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि इस टेंडर के तहत 600 रुपए का पीपीई किट 990 रुपए में खरीदा गया.
बता दें, असम के सीएम के अलावा उनकी पत्नी रिंकी भुयान सरमा ने भी गुवाहाटी में कामरूप (मेट्रो) की सिविल जज कोर्ट में मनीष सिसोदिया के खिलाफ 100 करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा दायर किया है. इससे पहले सिसोदिया ने 4 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि जब देश में 2020 में COVID-19 महामारी फैल रही थी, तो उस समय असम सरकार ने मुख्यमंत्री की पत्नी की फर्मों और बेटे के बिजनेस पार्टनर को बाजार दर से अधिक कीमत पर पीपीई किट की आपूर्ति करने का ठेका दिया गया था.
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सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि हेमंत विश्व शर्मा के बेटे के बिजनेस पार्टनर की कंपनी जीआरडी फार्मास्यूटिकल और मेडीटाइम हेल्थकेयर को भी प्रति पीपीई किट 990 रुपए के रेट से ठेके दिए गए, जबकि ये दोनों कंपनियां सप्लाई पूरा करने में सफल नहीं रहीं. उसके बावजूद इन कंपनियों को दोबारा ठेके दिए गए. इस बार एक पीपीई किट की कीमत 1680 रुपए दी गई. सिसोदिया ने कहा था कि ये सप्लाई असम की बजाय दिल्ली में असम भवन में करने के लिए कहा गया और दिल्ली से पीपीई किट को सरकारी खर्चे पर असम भेजा गया.