नई दिल्ली: फोरम ऑफ एकेडमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों के फंड कट पर चिंता जताई है. एलजी से मांग की है कि कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन और अन्य बकायों के भुगतान के लिए पिछले महीने 100 करोड़ की जो राशि जारी की है वह अपर्याप्त है. उनका यह भी कहना है कि जो राशि दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग से जारी हुई है वह अभी तक कॉलेजों में नहीं पहुंची है.
क्या बोले फोरम के चैयरमेन:फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से उनके द्वारा शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन समय पर नहीं मिला. पिछले कई वर्षों से दिल्ली सरकार के 12 कॉलेज आर्थिक संकट से जूझ रहा है. शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है. सरकार जो इंस्टॉलमेंट भेजती है उससे पहले की सैलरी ही मिल पाती है. बाकी फिर कई महीनों इंतजार करना पड़ता है. उन्होंने यह भी बताया कि जिन शिक्षकों की सालभर पहले पदोन्नति हुई थी उनके एरियर का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है.
डॉ. सुमन ने यह भी बताया कि मेडिकल बिलों का भुगतान, सेवानिवृत्त शिक्षकों की पेंशन, एलटीसी और चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस जैसे जरूरी भुगतान भी समय पर नहीं मिल पा रहा है. उपराज्यपाल को लिखे पत्र में उन्होंने बताया कि इन कॉलेजों का बुनियादी ढांचा भी दयनीय अवस्था में है. उनके अनुसार अदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन की बिल्डिंग की हालत खराब है.