नई दिल्ली: बजट सत्र के दौरान विधानसभा में वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि डीटीसी परिचालन घाटे में है. ऐसे में दिल्ली सरकार वित्तीय सहायता के जरिए घाटे को पूरा कर रही है.
DTC को घाटे से उबारने की कोशिश घाटे में डीटीसी का परिचालन
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 2013-14 में डीटीसी का परिचालन घाटा 942.89 करोड़ था. वित्त वर्ष 2010-11 तक दिल्ली सरकार डीटीसी के परिचालन घाटे को पूरा करने के लिए ऋण दिया कर दी थी. लेकिन 2011 से व्यवस्था में बदलाव हुआ. उसके बाद ऋण देने की बजाए घाटे को पूरा करने के लिए अनुदान दिया जाने लगा.
बसों की तादाद हुई कम
रिपोर्ट में कहा गया है कि डीटीसी के बसों की संख्या भी 2017-18 में घटकर 3951 रह गई. वर्ष 2013-14 में डीटीसी के बसों की संख्या 5223 रही थी. वहीं डीटीसी बसों के यात्रियों की संख्या भी घट कर 2017-18 में 29.86 लाख रह गई जो 2016-17 में 31.55 लाख थी.
DTC को घाटे से उबारने की कोशिश
डीटीसी के लगातार घाटे में होने पर सवाल पहले भी उठ चुके हैं. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत भी स्वीकारते हैं कि डीटीसी घाटे में चल रही है. इसे उबारने के लिए ही कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है. यात्रियों की सुविधा देने के लिए नई बसें बेड़े में शामिल की जाएंगी. डीटीसी को फायदे में पहुंचाने के लिए बसों में इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन की शुरुआत की गई है. चालक और कंडक्टर ओं की संख्या में बढ़ोतरी की गई है. ताकि शाम के समय बसों की सेवाएं बढ़ाई जा सके.