नई दिल्ली: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर तनातनी जारी है. शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है. सिसोदिया ने छह पन्ने के पत्र में लिखा है कि उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार, मंत्री और कैबिनेट की सहमति के बगैर जो आदेश जारी कर रहे हैं, वह गलत है. चुनी हुई सरकार को संविधान प्रदत्त अधिकार मिले हुए हैं, लेकिन सरकार के फैसलों से इतर निर्णय लेना सही नहीं है. (Deputy CM Sisodia wrote a letter to LG)
दिल्ली सरकार और LG के बीच तनातनीः डिप्टी CM सिसोदिया ने मंत्रिमंडल की अनदेखी को लेकर लिखा पत्र
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद खत्म नहीं हो रहा है. अब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को उनकी सरकार, मंत्री और मंत्रिमंडल की अनदेखी किए जाने को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को छह पन्नों का एक पत्र लिखा है. (Deputy CM Sisodia wrote a letter to LG)
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि वे चुनी हुई सरकार को बाईपास कर रहे हैं. उनके द्वारा जारी आदेश व सभी जांच गैर-कानूनी और असंवैधानिक हैं. उपराज्यपाल को पत्र में सिसोदिया ने लिखा है कि जमीन, पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और सर्विसेज के अलावा अन्य किसी भी मामले में आदेश देने का उन्हें अधिकार नहीं है. यह सभी आदेश राजनीति से प्रेरित हैं.
उपराज्यपाल को लिखे पत्र में मनीष सिसोदिया ने आग्रह किया है कि वह दिल्ली सरकार के कामों में गैर जरूरी हस्तक्षेप न करें. सिसोदिया ने लिखा है कि उपराज्यपाल सरकार के रोजमर्रा के कामों में दखलअंदाजी कर रहे हैं. पत्र में उनकी ओर से यह आरोप लगाया गया है कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के मंत्रियों को साइड करके सीधे अधिकारियों को आदेश दे रहे हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है. मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना गलत काम ना करने पर अधिकारियों को सस्पेंड करने की धमकी दे रहे हैं.