नई दिल्ली: प्रतिबंध के बावजूद राजधानी दिल्ली में चाइनीज माझा धड़ल्ले से बिक रहा है. जिसकी वजह लोगों की जानें भी जाती हैं. बुधवार को पश्चिम विहार इलाके में 7 साल की एक बच्ची की चाइनीज मांझे की चपेट में आने से मौत हो गई. इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने चाइनीज मांझे की बिक्री, निर्माण और इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए अभियान शुरू किया है.
दिल्ली पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि अगर उनके घर के आसपास कहीं भी चाइनीज मांझा बनाया, बेचा या फिर उसका इस्तेमाल पतंग उड़ाने में किया जा रहा है तो 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस को सूचना दें. सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा. पुलिस को उम्मीद है कि इस पहल से चाइनीज मांझे के इस्तेमाल पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकेगी. गौरतलब है कि 15 अगस्त पर बड़ी संख्या में लोग पतंगबाजी करते हैं जिसमें ज्यादातर लोग चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करते हैं. इसके कारण इंसानों की जान तो जाती ही है, पक्षियों की जान को भी खतरा रहता है. इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने चाइनीज मांझा के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान शुरू किया है.
इसलिए जानलेवा है चाइनीज मांझा
नायलॉन के धागे में मैटेलिक पाउडर मिलाकर चाइनीज मांझा बनाया जाता है. कांच और लोहे को पीसकर नायलॉन के धागे पर धार लगाई जाती है. ये धागा प्लास्टिक जैसा दिखता है और स्ट्रेचेबल होता है. खींचने पर टूटने की बजाय यह बढ़ जाता है. इसे काटना मुश्किल होता है इसीलिए प्रतिस्पर्धा के कारण पतंगबाज इसका इस्तेमाल करते हैं. अब ये मांझा भारत में भी बनने लगा है. इसकी धार इतनी तेज होती है कि इससे गर्दन तक कट जाती है. पतंगबाजों द्वारा पतंग उड़ाने के दौरान यह मांझा अक्सर सड़क पर गुजर रहे लोगों की गर्दन में फंस जाता है जिससे हादसे होते हैं. पतंगबाजी के बाद भी लंबे समय तक चाइनीज मांझा बिजली के खंभों, पेड़ों की डालों व दीवारों आदि के सहारे इधर-उधर लटकता रहता है और अक्सर बाइक सवारों के गले में फंस जाता है, जिससे लोगों की जान चली जाती है.
पांच साल की सजा और एक लाख जुर्माने का प्रावधान