नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आरएफआईडी सिस्टम लागू हुए 3 दिन हो गए हैं लेकिन इसके चलते लोगों की परेशानी अब तक कम नहीं हो पा रही है. आलम ये है कि टैग लेने के लिए एंट्री प्वाइंट्स पर लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं.
वहीं टैग नहीं होने के चलते दोगुना टैक्स वसूले जाने पर भी लोग नाराज हैं. आरोप है कि सिस्टम को लागू करने से पहले तैयारियां पूरी नहीं की गई और इसका हर्जाना अब वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है.
दिल्ली में आरएफआईडी सिस्टम लागू हुए 3 दिन हो गए ईटीवी भारत की टीम ने लिया जायजा
सोमवार को ईटीवी भारत की टीम ने पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में बने एंट्री प्वाइंट पर आरएफआईडी सिस्टम का रियलिटी चेक किया. नो एंट्री के समय में भी यहां वाहन चालक टैग के लिए जद्दोजहद करते नजर आए. कोई यहां दो घंटे पहले आकर खड़ा हुआ था तो कोई पिछले तीन दिन से चक्कर लगा रहा था. सबकी परेशानी एक ही थी कि उन्हें टैग नहीं मिल पा रहा है.
टैग के बदले दी जा रही हैं पर्चियां
गाजीपुर टोल प्वाइंट पर लोगों को आरएफआईडी टैग के बदले पर्चियां दी जा रही हैं जो अगले एक हफ्ते तक एंट्री के लिए वैध हैं. लोगों का आरोप है कि टैग उपलब्ध नहीं है इसलिए ये पर्चियां देकर बेवकूफ बनाया जा रहा है. लाइन में लगने के बाद भी टैग नहीं मिल पा रहा जिसके लिए वो बदहाल इंतजामों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
उधर टॉल प्वाइंट पर मौजूद कर्मचारियों की मानें तो लाइन से बचाने के लिए अभी के समय में पर्चियां दी जा रही हैं. उनका कहना है कि लंबी लाइन न लगे ऐसे में अभी के समय पर्ची ले जाकर काम चलाया जा सकता है जबकि एक हफ्ते के भीतर इस पर्ची को दिखाकर टैग लिया जा सकता है.
दोगुना टैक्स वसूले जाने से नाराज
23 तारीख से सिस्टम लागू करने के साथ ही बिना टैग वालों से दोगुना टैक्स वसूले जाने की बात कही गई थी. इसी का पालन किया जा रहा है. हालांकि, इस बात से ट्रांसपोर्टरों को कड़ी आपत्ति है. जोराब खान कहते हैं कि वो पहले किसी काम में व्यस्त थे और अब उनसे दोगुना पैसा देकर एंट्री ले रहे हैं. जोराब कहते हैं कि अगर पहले टाइम नहीं लेने की गलती के चलते अब उन्हें दोगुना टैक्स देना पड़ रहा है तो उपलब्धता नहीं होने का हर्जाना कौन भरेगा, रणविजय भी यही बात कहकर निगम को कोसते हैं.
वाहनों की भी लग रही लाइनें
आरएफआईडी सिस्टम का मुख्य उद्देश्य एंट्री प्वाइंट्स पर लगने वाली लंबी-लंबी लाइनों से मुक्ति दिलाना था. इसे प्रदूषण के स्तर में कटौती की उम्मीद की जा रही थी. हालांकि, पिछले तीन दिनों से यही सिस्टम एंट्री प्वाइंट्स पर लंबी-लंबी लाइनों का कारण बन रहा है. अभी तक की जानकारी में निगम ने लगभग दो लाख आरएफआईडी टैग इशू किए हैं. जिन लोगों को यह टैग नहीं मिल पाए हैं वह जानकारी के अभाव के चलते एंट्री प्वाइंट पर ऑपरेटरों से लड़-झगड़ तक ले रहे हैं. वहीं दोगुना टैक्स वसूले जाने के चलते कुछ लोगों में नाराजगी भी है. इसी क्रम में नो एंट्री खुलने के साथ ही टॉल प्वाइंट्स पर लंबी लाइनों का क्रम शुरू हो जाता है.
बता दें कि 23 अगस्त से राजधानी दिल्ली के 13 एंट्री प्वाइंट पर कमर्शियल वाहनों के लिए आरएफआईडी सिस्टम लागू कर दिया गया है. इसके तहत कमर्शियल वाहनों के लिए आरएफआईडी टैग लेना अनिवार्य है. इस टैग की मदद से एमसीडी टैक्स और पॉल्युशन के लिए कटने वाला सेस ऑटोमेटिक तरीके से वसूल लिया जाता है. आधुनिक तकनीक में वाहन चालकों को टैग रीचार्ज कराना होता है जिसमें हाई-एन्ड कैमरे और रीडर की बदौलत सब मुमकिन हो पाता है.