नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने मानव तस्करी से जुड़े एक मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. दरअसल मानव तस्करी की शिकार भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय की एक महिला ने 'दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना' के तहत 19 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस रेखा पल्ली ने 19 जुलाई तक दिल्ली सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
मानव तस्करी की शिकार महिला की ओर से वकील अलाना गोलमई ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि पीड़िता मेघालय की रहने वाली है और बेहद गरीब परिवार से है. जब वह 19 साल की थी तो उसे दिल्ली में काम दिलाने का लालच देकर तस्करी कर दिल्ली लाया गया था. महिला को फरवरी 2020 में छुड़ाया गया था. उसके बाद उसे एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. 2 मार्च को मालवीय नगर पुलिस थाने में महिला के अपहरण, रेप और दूसरी धाराओं के तहत FIR दर्ज है.
मानव तस्करी की शिकार मेघालय की महिला ने दिल्ली सरकार से मांगा 19 लाख रुपये का मुआवजा
सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने मानव तस्करी से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. महिला के वकील अलाना गोलमई ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की, कि महिला जब 19 साल की थी तो उसे काम दिलाने के नाम पर मानव तस्करी के जरिए दिल्ली लाया गया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस का जवाब देने के लिए सरकार को 19 जुलाई तक का समय दिया है.
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मानव तस्करी का जिक्र करते हुए याचिका में लिखा गया है कि महिला मानव तस्करी की शिकार है. उसका अपहरण कर उसके साथ रेप और अप्राकृति यौन हिंसा जैसी अप्रिय घटनाओं को अंजाम दिया गया है. पीड़ित महिला के पुनर्वास की जरूरत है. महिला ने अपने पुनर्वास के लिए दिल्ली राज्य विधिक सहायता प्राधिकार से संपर्क किया था और मुआवजे की मांग की थी, लेकिन पीड़िता की मांग पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. महिला के पास कोई रोजगार नहीं है. महिला और उसके परिवार के पास परिवार चलाने का कोई जरिया नहीं है. महिला की मां गंभीर रूप से बीमार है, जिसकी देखभाल की जरूरत है.