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'ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन के लिए एसओपी जारी करे बार काउंसिल ऑफ इंडिया'

दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को निर्देश दिया है कि वो 24 जनवरी को होने वाले ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन की फिजिकल परीक्षा के लिए कोरोना संकट को देखते हुए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर जारी करे.

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दिल्ली हाईकोर्ट

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Published : Jan 7, 2021, 9:06 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को निर्देश दिया है कि वो 24 जनवरी को होने वाले ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआईबीई) की फिजिकल परीक्षा के लिए कोरोना संकट को देखते हुए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर जारी करे. जस्टिस प्रतीक जालान की बेंच ने बीसीआई को परीक्षा के एक सप्ताह पहले स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर जारी करने का निर्देश दिया.

'परीक्षा ऑनलाइन तरीके से आयोजित करना संभव नहीं'

पहले की सुनवाई के दौरान बीसीआई ने कहा था कि एआईबीई परीक्षा ऑनलाइन तरीके से आयोजित करना संभव नहीं है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और वकील पूरव मिधा ने कहा था कि एआईबीई आयोजित करना उन युवा वकीलों के हितों पर विपरीत असर डाल सकता है, जिन्हें प्रोविजनल एनरॉलमेंट सर्टिफिकेट मिला हुआ है. प्रोविजनल एनरॉलमेंट सर्टिफिकेट दो साल के लिए ही मान्य होता है.

तब बीसीआई की ओर से वकील प्रीत पाल सिंह ने कहा था कि बीसीआई को याचिकाकर्ता की ओर से उठाए गए चिंताओं का ख्याल है. उन्होंने कहा था कि बीसीआई की जनरल काउंसिल की बैठक में इस मसले पर चर्चा की गई थी और यह पाया गया था कि एआईबीई को ऑनलाइन आयोजित करना संभव नहीं है.

इंटरनेट स्पीड और कनेक्टिविटी की समस्या

बीसीआई ने कहा था कि देश के अधिकांश वकील पहली श्रेणी के मेट्रो शहरों में नहीं रहते हैं. उन्हें ऑनलाइन परीक्षा देने में इंटरनेट की स्पीड और कनेक्टिविटी की समस्या आएगी. प्रोविजनल एनरॉलमेंट सर्टिफिकेट की समयावधि समाप्त होने के मामले पर बीसीआई ने कहा कि 24 मार्च 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक के प्रोविजनल एनरॉलमेंट को छूट देने का फैसला किया गया है.

'बतौर वकील प्रैक्टिस करने के लिए एआईबीई की परीक्षा पास करना जरूरी'

याचिका में कहा गया था कि बीसीआई को नए वकीलों के हितों की कोई चिंता नहीं है. याचिका में बार काउंसिल पर अस्थायी रूप से एनरॉलमेंट करानेवाले वकीलों के अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. बीसीआई ने नए वकीलों को वेलफेयर फंड का कोई लाभ भी नहीं दिया है. याचिका में बीसीआई को अस्थायी रूप से एनरॉलमेंट करानेवाले नए वकीलों को मदद करने का दिशा निर्देश देने की मांग की गई थी. बता दें कि लॉ की डिग्री मिलने के बाद कोर्ट में बतौर वकील प्रैक्टिस करने के लिए एआईबीई की परीक्षा पास करना जरूरी होता है.

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