दरअसल वकील अशोक अग्रवाल ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में तीन वर्षीय फरहान को वेंटिलेटर ना मिलने से हालत खराब होने की शिकायत की थी. फरहान को उसके रिश्तेदार हाथ से पंप कर कृत्रिम सांस दे रहे थे. बाद में फरहान की मौत हो गई थी. उसके बाद हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध बेडों की संख्या और अन्य सुविधाओं पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट के इसी आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने ये हलफनामा दायर किया है.
400 वेंटिलेटर हैं सरकारी अस्पतालों में, सरकार ने HC को बताया - दिल्ली हाईकोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली के 33 सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध बेडों में से केवल 3.4 फीसदी बेडों के लिए ही वेंटिलेटर उपलब्ध हैं. ये बात दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को दिए अपने हलफनामे में कही है. दिल्ली सरकार ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 400 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं, जिनमें 52 वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे हैं.
वेंटिलेटर बताने के लिए बनेगा पोर्टल
दिल्ली हेल्थ सर्विसेज के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2019 तक 33 सरकारी अस्पतालों में 10,059 बेड उपलब्ध हैं. इनमें से 348 बेड के लिए काम करने वाले वेंटिलेटर उपलब्ध हैं. दिल्ली सरकार के वकील सत्यकाम ने हाईकोर्ट को बताया कि दिल्ली स्टेट हेल्थ मिशन के प्रोग्राम अफसर से आग्रह किया गया है कि वे बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता आम लोगों को बताने के लिए पोर्टल बनाएं. ये पोर्टल दो महीने में शुरू हो जाएगा. इससे लोगों को बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता के बारे में रियल टाइम जानकारी मिल सकेगी.