नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने 1 अगस्त से सार्वजनिक उपयोगिता वाली सेवाओं के लिए उपयोग होने वाली बिजली की दरों में बढ़ोतरी की विधानसभा नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कड़े शब्दों में आलोचना की है.
केजरीवाल सरकार ने सार्वजनिक उपयोग के लिए बिजली दर बढ़ाई विपक्ष ने की आलोचना
उन्होंने कहा कि एक तरफ केजरीवाल सरकार दिल्ली मेट्रो और बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का राग अलाप रही है. वहीं दूसरी ओर बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर दिल्ली मेट्रो पर 68 करोड़ रुपये प्रति वर्ष अतिरिक्त बोझ डाल दिया है.
उन्होंने कहा है इस बढ़ोतरी को दिल्ली मेट्रो का उपभोग करने वाले लोगों को ही झेलना पड़ेगा.
सार्वजनिक उपक्रमों में बिजली की दरों में बढ़ोतरी
दिल्ली मेट्रो रेल निगम जैसी पब्लिक यूटिलिटी के लिए 1 अगस्त 2019 से बिजली की दरें 8 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 8.50 रुपये सरकार ने कर दी है. इसी तरह दिल्ली जल बोर्ड के लिए भी पावर टेरिफ 5.75 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 6.25 रुपये कर दिया है.
इसके अलावा अन्य पब्लिक यूटिलिटी सेवाओं के लिए उपयोग होने वाली बिजली के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट बढ़ जाने से दिल्ली के लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ना तय हो गया है.
किसानों पर भी बढ़ेगा बोझ
केजरीवाल सरकार ने किसानों के लिए सस्ती बिजली करने की वजह मशरूम की खेती को हतोत्साहित करने के लिए अलग श्रेणी बनाकर उनके लिए फिक्स्ड चार्ज 125 रुपये किलो वाट प्रतिमाह से बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिमाह और 1.50 रुपये किलोवाट से बढ़ाकर 6.50 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटे बढ़ोतरी कर दिया है.
इसी तरह से 1200 यूनिट प्रतिमाह से अधिक बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ 7.75 रुपये से बढ़ाकर 8 रुपये प्रति यूनिट कर दिया है.
'बिजली की बढ़ी दरें वापिस ले सरकार'
केजरीवाल सरकार द्वारा चोरी चुपके बिजली की दरें बढ़ाने पर भाजपा विधायक ने मांग की है कि वह परोक्ष और अपरोक्ष रूप से बिजली की बढ़ी हुई दरें वापिस लें. क्योंकि यह दिल्ली वालों से ही वसूला जाएगा.
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से बौखलाए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जुटे हैं.
मुफ्त बिजली देने का ऐलान
बता दें कि दूसरी ओर दिल्ली सरकार ने 200 यूनिट बिजली प्रतिमाह इस्तेमाल करने वाले बिजली उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देने का ऐलान कर दिया है. यह इसी महीने से लागू भी हो गया है. तो उधर मेट्रो, जल बोर्ड व अन्य सार्वजनिक उपक्रमों को जिस दरों पर बिजली मिलती थी उस दर में बढ़ोतरी कर दी है.