नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा को डिजिटलाइज करने की योजना में देरी को लेकर केंद्र सरकार ने नाराजगी जताई है. इस मामले में देरी और निष्क्रियता के मद्देनजर संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव ने उपराज्यपाल सचिवालय को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप कर राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) परियोजना को क्रियान्वित करने का आग्रह किया है. साथ ही इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए धन का इस्तेमाल करने का भी अनुरोध किया है.
एलजी सचिवालय ने केंद्र सरकार के इस आग्रह को दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (कानून, न्याय एवं विधि मामले) के पास उचित कार्रवाई करने के लिए अग्रसारित कर दिया है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा को छोड़कर देश की सभी 37 विधानसभाओं/परिषदों ने सदन के डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया को या तो पहले ही लागू कर दिया है या इसे शुरू कर दिया है. इससे पहले फरवरी में संसदीय कार्य मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर Neva परियोजना को पूरा करने के लिए कहा था.
बचत का पैसा जनता की सुविधा पर होगा खर्चःमुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार दिल्ली की विधानसभा में NeVa परियोजना को लागू करने के लिए 100 फीसद फंड दे रही है. इसमें विधानसभा के डिजिटलाइजेशन के लिए मेंटेनेंस, अपग्रेडेशन, एप्लीकेशन के लिए कस्टमाइजेशन, कैपिसिटी बिल्डिंग, क्लाउड डिप्लॉयमेंट चार्ज और सिक्योरिटी ऑडिट के लिए चार्ज भी शामिल है. चूंकि NeVa एक प्रक्रिया आधारित एप्लीकेशन है, इसलिए विधानसभा को चलाने में समय-समय पर जो पैसा खर्च होता है, वह बहुत कम हो जाएगा. इससे जो बचत होगी, उससे दिल्ली सरकार अपनी सुविधा के हिसाब से जनता और विधायकों पर खर्च कर सकेगी.