नई दिल्ली: गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दिल्ली सरकार के सेवा विभाग ने अब विभिन्न विभागों में तैनात भ्रष्ट अधिकारियों को सेवानिवृत्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू प्रधान सचिवों व विभागाध्यक्षों को भेजा गया पत्र
उपराज्यपाल ने पिछले सप्ताह ही इस संबंध में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव को निर्देश जारी किया था. जिसके बाद सेवा विभाग में दानिक्स और दास कैडर के अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा शुरू कर दी गई है.
सेवा विभाग के इस आदेश के बाद अधिकारी सतर्क हो गए हैं. सेवा विभाग ने पत्र को अत्यंत आवश्यक कहकर सभी प्रधान सचिवों व विभागाध्यक्षों को भेज दिया है.
भ्रष्ट अधिकारियों की अब खैर नहीं! सेवा विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी विभागीय प्रधान सचिव अपने अधीन काम करने वाले दानिक्स व दास कैडर के अधिकारियों के कामकाज का ब्यौरा15 जुलाई तक तैयार करेंगे. इसके लिए पत्र के साथ परफॉर्मा संलग्न कर दिया गया है.
15 जुलाई तक का दिया गया समय
प्रधान सचिव प्रत्येक अधिकारी के कामकाज को लेकर उनकी परफॉर्म भरेंगे, जिसे सभी कमेटी को भेजा जाएगा. कमेटी के प्रधान सचिव की रिपोर्ट पर विचार विमर्श होगा. इसके बाद यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय द्वारा गठित रिव्यू कमेटी को भेजा जाएगा.
बता दें कि सेवा विभाग में प्रधान सचिवों को पत्र भेजकर उनके विभाग में काम कर रहे दानिक्स व दास कैडर के अधिकारियों के कामकाज को लेकर परफॉर्मा भरकर उसे 15 जुलाई तक सेवा विभाग को भेजने को कहा गया है.
बोर्ड व निगमों को भी भेजा गया पत्र
अधिकारियों को कुल मिलाकर1 सप्ताह का भी समय नहीं मिला है. सेवा विभाग में प्रधान सचिवों को भेजे पत्र में एफआर 56 जे नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने उक्त नियमों के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों के लिए और परफॉर्मा भेज दिया है.
इसमें कहा गया है कि जो भी अधिकारी 50 या 55 वर्ष की उम्र तक पहुंचे हैं या सेवा में 30 वर्ष पूरा कर चुके हैं, उनके लिए यह आवश्यक है कि दिल्ली सचिवालय के अलावा दिल्ली सरकार का अन्य सभी कार्यालय, बोर्ड व निगमों को भी यह पत्र भेज दिया गया है.
गृह मंत्रालय ने जारी किया निर्देश
इस आदेश के अनुसार सभी प्रधान सचिव 15 जुलाई तक सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए इस प्रक्रिया को पूरा कर सेवा विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. बता दें कि केंद्र में दोबारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद अलग-अलग मंत्रालयों में भी तैनात भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. इसके बाद अब राज्य सरकारों को भी ऐसा करने के निर्देश गृह मंत्रालय ने जारी किया है.